What is Accounting(अकाउंटिंग क्या है ?)
Accounting
आधुनिक व्यवसाय का आकार इतना विस्तृत हो गया है कि इसमें सैकड़ों, सहस्त्रों व अरबों व्यावसायिक लेनदेन होते रहते हैं। इन लेन देनों के ब्यौरे
को याद रखकर व्यावसायिक उपक्रम का संचालन करना असम्भव है। अतः इन लेनदेनों का
क्रमबद्ध अभिलेख (records) रखे जाते हैं उनके क्रमबद्ध
ज्ञान व प्रयोग-कला को ही लेखाशास्त्र कहते हैं। लेखाशास्त्र के व्यावहारिक रूप को
लेखांकन कह सकते हैं। अमेरिकन इन्स्ट्टीयूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउन्टैन्ट्स (AICPA) की लेखांकन शब्दावली, बुलेटिन के अनुसार ‘‘लेखांकन उन व्यवहारों और घटनाओं को, जो कि कम से कम अंशतः वित्तीय
प्रकृति के है, मुद्रा के रूप में प्रभावपूर्ण तरीके से
लिखने, वर्गीकृत करने तथा सारांश निकालने एवं उनके
परिणामों की व्याख्या करने की कला है।’’
इस परिभाषा के अनुसार लेखांकन एक कला है, विज्ञान नहीं। इस कला का उपयोग
वित्तीय प्रकृति के मुद्रा में मापनीय व्यवहारों और घटनाओं के अभिलेखन, वर्गीकरण, संक्षेपण और निर्वचन के लिए किया जाता है।
किसी व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन का लेखा-जोखा रखने, उसका सारांश
प्रस्तुत करने, रिपोर्टिंग तथा विश्लेषण करने की
कला को ही एकाउंटिंग कहा जाता है। एकाउंटिंग का कार्यभार संभालने वाले व्यक्ति को
एक अकाउंटेंट के रूप में जाना जाता है तथा अकाउंटेंट की भूमिका किसी रिकॉर्ड-कीपर
के समान ही होती है। हालांकि, एकाउंटिंग को अब प्रबंधन का एक
ऐसा उपकरण माना जाता है जो संगठन के भविष्य के विषय में महत्वर्पूण जानकारी देता
है।
स्मिथ एवं एशबर्न ने उपर्युक्त
परिभाषा को कुछ सुधार के साथ प्रस्तुत किया है। उनके अनुसार ‘लेखांकन मुख्यतः
वित्तीय प्रकृति के व्यावसायिक लेनदेनों और घटनाओं के अभिलेखन तथा वर्गीकरण का
विज्ञान है और उन लेनदेनें और घटनाओं का महत्वपूर्ण सारांश बनाने, विश्लेषण तथा
व्याख्या करने और परिणामों को उन व्यक्तियों को सम्प्रेषित करने की कला है, जिन्हें निर्णय
लेने हैं।’ इस
परिभाषा के अनुसार लेखांकन विज्ञान और कला दोनों ही है। किन्तु यह एक पूर्ण
निश्चित विज्ञान न होकर लगभग पूर्ण विज्ञान है।
कास्ट सेण्टर किसी प्रतिष्ठान के लिए ऐसा प्रावधान है,जिसमे किसी विशेष
बिंदु अथवा विशेष प्रयोजन पर किये गए खर्चो को प्रदर्शित किया जाता है | किसी लेनदेन का
लेज़र अकाउंट केवल लेनदेन की प्रकृति के बारे में बताता है| इसके लिए वाउचर एंट्री
करने पर वाउचर के narration वाले भाग के अतिरिक्त हमे किसी भाग से यह ज्ञात नहीं
हो सकता है की यह लेनदेन प्रतिष्ठान के कौन से विभाग से संबंधित है | उदाहरण के लिए ,किसी कंपनी की
विभिन्न शाखाये कास्ट सेण्टर हो सकते है | किसी कंपनी के
उत्पादों को भी कॉस्ट सेण्टर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है |टैली में कास्ट
सेण्टर दो प्रकार के होते है –
सेकेंडरी कास्ट सेण्टर एक सबग्रुप की तरह होता है ,जो की एक प्राइमरी कास्ट सेण्टर के अंतर्गत परिभाषित किया जाता है | यदि टैली में हमने कोई कास्ट सेण्टर अभी तक परिभाषित नहीं किया है,तो परिभाषित किया जाने पहला कास्ट सेण्टर प्राइमरी कास्ट सेण्टर के रूप में ही
परिभाषित किया जाएगा | एक प्राइमरी कास्ट सेण्टर के अनेक सेकेंडरी
कास्ट सेण्टर हो सकते है ,परन्तु एक सेकेंडरी कास्ट सेण्टर का केवल एक
ही प्राइमरी कास्ट सेण्टर हो सकता है |
Create cost center
कॉस्ट
सेंटर बनाने के लिए F11: Accounting Features में Maintain
Cost Centers पर
सेट करें। जब हम इस विकल्प को Yes पर सेट कर देगे तब Accounts
Info मेन्यू
में Cost Centers विकल्प दर्शाया जाएगा । टैली में डिफाल्ट रूप से सेल्स
अकाउंट्स, परचेज
अकाउंट्स, एक्सपेंस
और इनकम ग्रुप्स के अंतर्गत लेजर अकाउंट्स के लिए कॉस्ट सेंटर फीचर एक्टिवेट होता
है।
टैली में हम single अथवा Multiple कास्ट
सेंटर्स बना सकते हैं।
Single cost center: Single
cost center बनाने के लिए निम्न प्रोसेस
को फॉलो करेंगे |
Gateway of Tally →
Accounts Info → Cost Centers→ Create पर जाए।
जब हम Create पर
क्लिक करेगे तब स्क्रीन नीचे दर्शाए अनुसार दिखाई देगी

Cost Center Creation स्कीन में प्रत्येक फील्ड का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है-
Name: इस फील्ड में कॉस्ट सेंटर का नाम प्रविष्ट करे। उदाहरण के लिए-
नेम, फंक्शन, एक्टिविटी, डिपार्टमेंट, टास्क इत्यादि।
Alias: यदि आवश्यक हो तो कोई वैकल्पिक नाम प्रविष्ट करें। उदाहरण के लिए, संक्षिप्त नाम या कोड नम्बर।
Under: यहाँ पर List of
Cost Centers से पैरेंट कॉस्ट सेंटर का चयन
करे जिसके अंतर्गत कॉस्ट सेण्टर को ग्रुप अथवा निर्मित किया जाएगा। यदि हम कॉस्ट
सेंटर को एक primary cost center बनाना चाहते हैं तो लिस्ट से primary को
सिलेक्ट करें।
How to Display Cost Center in Tally
Tally में user कास्ट सेंटर को दो प्रकार से देख सकता है |
1.Display
Single Cost Center: Cost Center मास्टर्स के विवरण देखने के लिए Gateway Of Tally →Accounts Info → Cost Centers →
Display पर जाएँ।
जब हम Display पर क्लिक करेगे तो Cost Center Display स्कीन प्रकट हो जाएगी। Display mode में Cost center master में कोई भी सुधार करना संभव नहीं
होता है। इस mode में हम केवल विवरणों को देख सकते है |
2.Display Multiple Cost Center: इस मोड
के अंतर्गत हम एक ही बार में एक से अधिक कॉस्ट सेंटर्स का विवरण प्रदर्शित कर सकते
हैं। मल्टीपल कॉस्ट सेंटर के विवरण प्रदर्शित करने के लिए Gateway of Tally → Accounts
Info →Cost Centers → Display पर
जाएँ। इसके अंतर्गत सभी कॉस्ट सेंटर्स के विवरण प्रदर्शित करने के लिए Gateway of Tally → Accounts Info
→ Cost Centers → Display अथवा All Items को
सिलेक्ट करे।
How to Alter Cost Center
हम टैली में पहले से बने सिंगल या मल्टीपल कॉस्ट
सेंटर्स को आसानी से संशोधित या डिलीट कर सकते हैं ,इसके
लिए नीचे लिखे स्टेप्स को फॉलो करे |
1.Alter Single Cost Center: कास्ट
सेण्टर को संशोधित करने हेतु Gateway of Tally →Accounts Info → Cost Centers → Alter पर
जाएँ। जब हम Alter पर
क्लिक करेगे तो Cost
Center Alteration स्कीन प्रदर्शित होगी। आवश्यक परिवर्तन करे और सेव
करने हेतु Accept पर
क्लिक करें।
2.Alter Multiple Cost Center: इस मोड
में हम एक ही बार में कई कॉस्ट सेंटर्स को संशोधित कर सकते है। ऐसा करने के लिए Gateway of Tally →Accounts Info →
Cast Centers→ Alter पर जाए Under Cost Center फील्ड
पर वापस जाने के लिए प्रयोग करे अथवा पेरेंट कॉस्ट सेंटर बदलने हेतु F4:Parent बटन का
प्रयोग करें। संबंधित फील्ड्स में वांछित परिवर्तन को और सेवा करने हेतु Accept करे।
How to Delete Cost Center
Cost
Center Alteration स्कीन से Alt+D दबाते
हुए हम किसी कॉस्ट सेंटर को डिलीट कर सकते हैं। किसी कॉस्ट सेंटर को हम केवल तभी
डिलीट कर पाएँगे जबकि
इन्वेंटरी का मतलब कच्चे माल, बिक्री के लिए
उपलब्ध आइटम और बिक्री के लिए तैयार हो रहे माल तीनो से है,दूसरे शब्दों में
इन्वेंटरी से आशय किसी भी कंपनी द्वारा इन्वर्ट किया गया जो अमाउंट उसके द्वारा
कच्चे माल, आधे
बने माल और तैयार माल पर खर्च किया जाता है |किसी भी कंपनी की
बैलेंस शीट में इन्वेंट्री को सम्पति के रूप में माना जाता है क्योकि वह बिक्री के
बाद कैश में बदल जाता है |
इन्वेंटरी ऑफ़ प्रोडक्शन कंपनी
1. Row
Material : उत्पादन प्रकिया को पूर्ण करने के लिए जो आइटम प्रयोग किया जाता
है जिनसे सेल्स प्रोडक्ट बनता है वह रो मटेरियल कहलाता है |
2. Work
in process : यह अर्ध्द निर्मित माल का मूल्य होता है अर्थात जो माल तैयार हो
रहा है उसकी वैल्यू को वर्क इन प्रोसेस कहते है |
3. Finished
Goods : यह वह
इन्वेंटरी है जो निर्मित हो चुके माल में प्रयोग होती है अर्थात ऐसा माल जो बिक्री
के लिए उपलब्ध हो |
4. Consume
:वह आइटम जो किसी कंपनी के
नियमित कार्यो के लिए प्रयोग होते है लेकिन यह प्रोडक्ट का पार्ट नहीं होते है |
उदाहरण: साइकिल इन्वेंटरी के लिए नया
निर्मित माल तथा साइकिल अंतिम उत्पाद है |
इस फीचर के द्वारा हमें आवश्यक इनवेंटरी
फीचर्स सेट किए जाने की सुविधा मिलती है। Company menu पर Inventory
Features को सिलेक्ट करने पर हमें निम्नलिखित
स्क्रीन प्राप्त होती है।
Company Features
→Inventory Features

(a) Integrate accounts and inventory: यह फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों को ही
निष्पादित करती है।
(b) Allow Zero Valued entries: यदि हम शून्य मूल्य की प्रविष्टियाँ करना चाहते है तो इस ऑप्शन
को Yes पर सेट किया जाता है।
(a) Maintain
multiple Godowns: यदि हमारे पास एक से अधिक स्टॉक पॉइंट /स्टोरेज लोकेशन्स/
गोडाउन विद्यमान हैं और हम इन लोकेशन्स के मध्य होने वाले स्टॉक के संचालन का
हिसाब-किताब रखना चाहते हैं तो इस Options
को Yes पर सेट करे। हमारे द्वारा इस options को Yes पर सेट किए जाने बाद ही Gateway of Tally>Inventory info मैन्यू में गोडाउन्स पर stock options प्रदर्शित किया जाएगा। हम प्रत्येक लोकेशन पर अपने स्टॉक्स की
पहचान करने में सक्षम होने के साथ ही साथ वाउचर एंट्री के दौरान एक अथवा अधिक
लोकेशन्स के लिए स्टॉक संचालन प्रदान कर पाएँगे।
(b) Maintain Stock
Categories: यदि हम स्टॉक केटैगरीज बनाना तथा व्यवस्थित रखना चाहते हैं तो
इस options को Yes पर सेट करे। यह Stock
item creation स्कीन के अंतर्गत एक नई फील्ड
Category की रचना करेगा।
(c) Maintain batch
wise details: स्टॉक आइटम्स से संबंधित बैच इंफॉर्मेशन को व्यवस्थित रखने हेतु
इस options को Yes पर सेट करें| stock
item creation स्कीन के अंतर्गत एक नई फील्ड
Use expiry dates प्रदर्शित कर दी जाएगी।
(set expiry dates for batches): यदि हम बैचेज हेतु एक्सपायरी डेट्स सेट करना चाहते है तो इस options को Yes पर सैट करे यह stock item creation स्कीन के अंर्तगत एक अतिरिक्त फील्ड Use expiry dates Show करेगा। यह उन व्यवसायों के लिए उपयोगी होता है जो एक्सपायरी
डेट्स वाले माल जैसे कि दवाइयाँ, भोजन और अन्य नाशवान पदार्थों का व्यापार करते हों। वाउचर
एंट्री के दौरान डिफाल्ट रूप से वाउचर की दिनांक को ही उत्पाद के निर्माण की
दिनांक के रूप में माना जाता है। इस दिनांक को परिवर्तित किया जा सकता है परंतु
वाउचर दिनांक के बाद वाली किसी दिनांक पर नहीं। ठीक इसी तरह से एक्सपायरी दिनांक
पर वाउचर दिनांक से पहले की दिनांक नहीं डाली जा सकती है।
(d) use different
actual & billed Qty: यदि हम इनवॉइस तैयार करते समय actual और billed Quantity को अलग-अलग रखना चाहते है तो इस options को Yes पर सेट किया जाता है।
(a) Allow purchase
order processing: purchase
orders बनाने हेतु यह options yes पर सेट करें। यह फीचर परचेज ऑर्डर के प्री-क्लोजर- हेतु भी
प्रयुक्त किया जा सकता है।
(b) Allow sales order processing: sales
orders बनाने हेतु यह options yes पर सेट करे। यह फीचर सेल्स ऑर्डर के प्रीआर्डर क्लोजर हेतु भी
प्रयुक्त किया जा सकता है।
(a) Allow Invoicing: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही निष्पादन करती है।
(b) Use debit/credit
notes: यह फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों का ही
निष्पादन करती है।
Use invoice mode for
debit notes: यह फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही
निष्पादन करती है।
Use invoice mode for
credit notes: यह फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही
निष्पादन करती है।
Track additional of
purchase: यह फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों का ही
निष्पादन करती है!
Use Multiple price
levels: Multiple price
levels निर्मित करने हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट किया जाता है।
(a) Use tracking
numbers (delivery/receipt notes): यदि हम
डिलीवरी नोट्स और invoice / bills के मध्य संबंध बनाए रखने के लिए ट्रेकिंग नम्बरों का उपयोग करना
चाहते हैँ तो इस विकल्प को Yes पर सेट करे। यह परचेज और सेल्स दोनों के लिए उपलब्ध है।
(b)
Use rejection inward/outward notes: यदि हम
माल की अस्वीकृति का रिकॉर्ड किसी सामान्य डेबिट नोट या क्रेडिट नोट के माध्यम से
नहीं बल्कि अलग से रखना चाहते तो इस विकल्प को Yes पर सेट करे।
टैली में कार्य प्रारंभ करने के पूर्व टैली स्क्रीन के विभिन्न
कंपोनेंट्स के साथ अपने आपको परिचित कर लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस स्क्रीन में शामिल विभिन्न
कम्पोनेंट्स निम्नानुसार होते हैं।
1. Title Bar :- Tally
का
Version दिखाता है ।
2. Horizontal button
bar :– Language key,Key
board और Tally help को select करने का आप्शन प्रोवाइड करता है।
3. Minimise button :- स्टैंडर्ड
विंडोज आपरेटिंग सिस्टम्स फंक्शन निष्पादित करता है, हमें टैली को मिनिमाइज करने
और अन्य एप्लिकेशन्स पर कार्य करने की
अनुमति देता है। टैली को रीस्टोर करने के लिए टास्कबार पर टैली
के आइकॉन को क्लिक करें।
4. Gateway of Tally
:- मेन्यूज, स्क्रीन्स, रिपोर्टस् प्रदर्शित करता है तथा उन विकल्पों व आंप्शन्स को
स्वीकार करता है,जिन्हें हम डेटा
को अपनी इच्छानुसार देखने हेतु चुनते हैं।
5. Button tool bar
:- टैली के साथ त्वरित सहभागिता प्रदान करने वाले बटन्स दर्शाता
है। केवल वे ही बटन्स दिखाई देते हैं जो वर्तमान कार्य से संबंधित होते हैं।
6. Calculator
:- कैलक्यूलेटर का प्रयोग कैलकुलेशन करने के लिए किया जाता है।
7. Bottom Pen :- Version , रिलीज संबंधी डिटेल , वर्तमान दिनांक व सिस्टम टाईम
दर्शाता है।
8. Language Button :– यूजर को लैंग्वेज कॉन्फ़िगर
करने की अनुमति देता है।
9. Keyboard Button
:- यूजर को फोनेटिक कीबोर्ड हेतु लैंग्वेज कॉन्फ़िगर करने की अनुमति
देता है।

जब टैली पहली बार लोड होती है तब निम्न स्क्रीन प्रदर्शित होती है-

इस स्क्रीन और स्क्रीन के निचले भाग में
स्थित कैलकुलेशन /ODBC सर्वर एरिया के मध्य टॉगल करने के लिए स्क्रीन पर संकेत अनुसार Ctrl+Nअथवा Ctrl+M दबाएँ | एक हरे रंग का बार स्क्रीन के
एक्टिवेट एरिया को हाईलाइट करेगा |

Tally के Screen
area में स्विच करने के लिए (CTRL+N) और (CTRL+M) शॉर्टकट
की का प्रयोग किया जाता है |
हम उदाहरण के लिए एक कंपनी x4 cart की सेल्स और सर्विस
को लेते है| यह
कंपनी कंम्पयूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर खरीदती है और यह सीधे ग्राहकों को
बेचती है| अब
नीचे दी गई जानकारी के अनुसार यह कंपनी बनाते है –
Gateway of Tally → Company Info. →Create
Company
अब company creation की Windows ओपन होगी, यहाँ निम्न जानकारी टाइप करें –
' alt="Image result for company creation screen" v:shapes="_x0000_i1025">
Directory : – कंपनी डाटा जिस
लोकेशन पर स्टोर होगा, उसका पाथ हम यहाँ दे सकते है|
Name:- जिस नाम से कंपनी क्रिएट करना है उस कंपनी का नाम यहाँ दे|
Company Logo :–
हम यहाँ कंपनी के लोगो को डिफाइन कर सकते है|
Mailing Name :–
यहाँ ऊपर दिया कंपनी का नाम अपने आप आ जाता है| हम अपनी जरूरत के हिसाब से
इसमे changes कर सकते है|
Address :–
यहाँ कंपनी का पता
टाइप करे|
Statutory Compliance :–
देशों की सूची से भारत को सिलेक्ट करें।
State :- राज्यों की सूची से उचित राज्य को सिलेक्ट करें।
Pin Code :- निर्दिष्ट पते का पिन कोड दर्ज करें।
Telephone No :- कंपनी का टेलीफोन नंबर दर्ज करें।
E- Mail :- यहाँ दिए गए ई-मेल पर टैली डाक्यूमेंटस्, रिपोर्ट और डाटा को भेजता है|
Currency Symbol :- यहाँ डिफ़ॉल्ट रूप से Rs होता हैं|
Maintain :- कंपनी का नेचर सिलेक्ट करें याने सिर्फ अकाउंट या इनवेंट्री के
साथ अकाउंट|
Financial Year From :- कंपनी का वित्तीय वर्ष जिस तारीख से शुरू होता है,वह दर्ज करें|
Books beginning from :- ऊपर दी गयी तारीख यहाँ अपने आप आ जाती है| लेकिन हम कंपनी के अकाउंट जिस
तारीख से शुरू हो रहे है वह तारीख दे सकते है| उदा. के लिए अगर कंपनी 10 जून को शुरू हूई है तो यहाँ 10 जून तारीख दे|
Tally
Vault Password :- Tally
Vault यह एक सिक्योरिटी फीचर है, जो कंपनी के डेटा की सुरक्षा
के लिए एन्क्रिप्टेड फॉर्म मे होता है और यह पासवर्ड प्रोटेक्ट होता है| इस पासवर्ड के बिना डाटा को
एक्सेस नही किया जा सकता| अगर यह पासवर्ड भूल गये तो इसे रिकवर नही किया जा सकता|
Use Security Control :- टैली में कई सिक्योरिटी कंट्रोल है, जो विभिन्न युजर कि अथॉरिटी
को डिफाइन करता है| इसमें डेटा को एक्सेस करना, डेटा भरना, बदल करना या डिलीट करना आदि
कि अथॉरिटी दे सकते है|
Base Currency Information
:- इसमें
करंसी से संबंधीत विभिन्न् जानकारी होती है जैसे करंसी सिम्बॉल, करंसी का नाम, डेसिमल प्लेसेस आदी|
उपर दि गयी सभी जानकारी दर्ज करने के बाद नीचे के Y बटन को प्रेस करें|
टैली में किसी कंपनी को डिलीट करने या कंपनी में changes करने के लिए Gateway
of tally पर
बटन बार से F3:Comp Info बटन को सिलेक्ट करें अथवा Company
Info मेन्यू
प्राप्त करने के लिए । Alt+F3 दबाएँ Company Info मेन्यू से Alter option को select करे
Company
info
जिससे कंपनी की लिस्ट open होगी इस लिस्ट में से उस
कंपनी को सेलेक्ट करे जिसमे changes करना है। List से कंपनी को select कर लेने के बाद दर्शाई जाने वाली Company Alteration स्कीन द्वारा Company
Creation स्कीन में प्रविष्ट की गई इंफॉर्मेशन (Directory फील्ड
को छोडकर) को प्रदर्शित किया जाएगा । अब हम इस कंपनी को परिवर्तित (संशोधित) या
डिलीट कर सकते हैं।
' alt="Image result for company alteration screen in tally" v:shapes="_x0000_i1027">
Company
Alteration Screen
Company Alteration स्कीन मे हम आवश्यक परिवर्तन कर सकते है अथवा पहले रिक्त छोड दी
गई किसी भी खाली फील्ड को भर सकते है (उस फील्ड पर कर्सर लाएँ और प्रविष्टी करे)।
परिवर्तित इंफॉर्मेशन को सेव करने के लिए Ctrl+A दबाएँ।
वाउचर के बाद “Financial
Year From” दिनांक को नहीं बदले क्योंकि
यह हमारे पिछले अनुपयोगी डेटा प्रस्तुत कंर सकता है। कंपनी निर्मित कर लेने के बाद
हम Company Data Directory नहीं बदल सकते हैँ इसलिए Company Alteration स्कीन में डायरेक्टरी फील्ड प्रकट नहीं होती है।
आइये इस पोस्ट में हम जानेगे की टैली में कंपनी को कैसे सिलेक्ट
करे या कैसे लोड करे ।
How to Select Company in Tally (टैली में कंपनी को
कैसे सिलेक्ट /लोड करे )
नई कंपनी स्वचालित रूप से लोड हो जाती है।
लेकिन पहले से बनायी गई अन्य कंपनी को लोड करने हेतु F1:select Camp बटन को क्लिक करे या F:3 Cmp Info बटन पर भी क्लिक कर सकते है या Alt+F3 दबाएँगे।

इस मेन्यू में Select Company पर क्लिक करेगें।
डिस्क
पर वर्तमान डायरेक्ट्री में शामिल कंपनीज की लिस्ट एक अल्फाबेटिक क्रम में display होती
है,अगर हमारे पास एक ही नाम वाली एक से अधिक कंपनी है तो इस कंडीशन में
किस कंपनी के साथ हम कार्य करना चाहते हैं, उसकी पहचान किए जाने में
हमारी सहायता करने के लिए प्रत्येक कंपनी हेतु सिस्टम जेनरेटेड कोड भी प्रदर्शित
किए जाते हैं, अब दी गई लिस्ट से वांछित कंपनी को सिलेक्ट करे और Enter दबाएँ।
किसी कंपनी को Shut करना कंपनी को सिलेक्ट करने की
विपरीत प्रकिया है, अर्थात
Shut Company में कंपनी को मेमोरी से अनलोड किया जाता है। इसका यह
अर्थ नहीं है कि कंपनी डिलीट कर रहे हैँ। हम कंपनी को सिर्फ कुछ समय के लिए बंद
करते है।
कंपनी को शट करने के लिए F1:Shut Cmp या (Alt+F1) बटन को क्लिक करे जिससे Company Info मेन्यू ओपन होगा
![]()
इस मेनू में Shut Company विकल्प को सिलेक्ट कर Enter दबाएँ जिससे निम्नानुसार स्क्रीन डिस्प्ले होगी,
![]()
अब हम
लिस्ट में से उस कंपनी को सिलेक्ट करेगे जिसे हम क्लोज करना चाहते है तथा enter key को
दबाएँगे। यह कंपनी के डेटा को मेमोरी से हटा देगा और इसी वजह से वह कंपनी, गेटवे पर List of Selected Companies के अंतर्गत दिखाई नहीं देगी।
Charts of Accounting in Tally
(टैली में अकाउंटिंग चार्ट्स)
चार्ट ऑफ़ एकाउंट्स वस्तुतः बैलेंस शीट के दायित्व (liabilities) एवं संपत्ति (assets) तथा लाभ एवं हानि (profit & loss ) अकाउंट के इनकम एवं एक्सपेंसेस
का पृथक्करण (Separation ) होता है| यह अकाउंट ग्रुप और लेजर अकाउंट के संगठन का पदानुक्रमिक दृश्य (Hierarchical view ) प्रस्तुत करता है | टैली में हम इस Hierarchical structure को व्यवस्थित कर सकते हैं अर्थात
अकाउंट के किसी चार्ट की रचना करते समय यह लचीलापन (Flexibility) प्रदान करता है | यह अकाउंट चार्ट की रचना करते समय ही हमारे
लेजर अकाउंट को ग्रुप किए जाने की अनुमति देता है | हमारी रिपोर्ट और स्टेटमेंट हर
समय वांछित वर्गीकरण (Desired classification)को प्रतिबिंबित करते रहते है |
जैसे ही हम व्यापारिक लेखांकन सिद्धांतों के आधार पर कंपनी बनाते हैं | टैली रिवर्सड ग्रुपस कहलाने वाले 28 पूर्व -निर्धारित अकाउंट ग्रुप्स
अपने आप बना देता है |इन ग्रुप्स में लेजर को वर्गीकृत किया जा
सकता है|
हम इन ग्रुप्स को Gateway of Tally →Display→
List of Accounts पर जाकर देख सकते
हैं | List of Account द्वारा
ग्रुप के रूप में सूचीबद्ध किया गया विद्यमान चार्ट ऑफ़ एकाउंट्स प्रदर्शित किया
जाता है जो अल्फाबेटिक क्रम में होता है हम लेजर नेम हेतु ऊपर-नीचे देख सकते हैं
और एंटर दबाते हुए उसके विवरण बदल सकते हैं | विवरणों
को घटाने हेतु वैकल्पिक रूप से ग्रुप हेड से Shift+ Enter keys का
प्रयोग किया जाता है |
कैपिटल अथवा रिवेन्यू एवं अधिक विशिष्ट एसेट्स , लाइबिलिटी
, इनकम
तथा एक्सपेंडिचर के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले एकाउंटिंग सिस्टम की एकरूपता व
अखंडता बनाए रखने के लिए रिवर्सड ग्रुपस के अंतर्गत सिस्टम में विशिष्ट प्रॉपर्टी
और बिहेवियर विद्यमान होता है| ग्रुपस यह पता लगाते हैं कि क्या वे समान रूप मे से
प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट को प्रभावित करेंगे जो कि प्रकृति रिवेन्यू में होता है
अथवा बैलेंस सीट को प्रभावित करेंगे जो प्रकृति में कैपिटल होती है | इन
रिवर्सड एकाउंट्स ग्रुपस में से 15 टॉप लेवल प्राइमरी ग्रुपस होते हैं और शेष 13सब-
ग्रुपस होते हैं |

15 पूर्व-निर्धारित
प्राइमरी ग्रुप :
1.
9 प्राइमरी ग्रुप्स जो प्रकृति में कैपिटल होते हैं उनको बैलेंस
शीट में प्रदर्शित किया जाता है |
2. प्राइमरी ग्रुप जो प्रकृति में रिवेन्यू होते हैं उनको प्रॉफिट
एंड लॉस अकाउंट में प्रदर्शित किया जाता है |
सभी 13 सब- ग्रुपस को 9 प्राइमरी
ग्रुप के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है जो प्रकृति में कैपिटल होते हैं तथा
उन्हें बैलेंस शीट में प्रस्तुत किया जाता है |
![]()
टैली में कैश( कैश इन हैंड ग्रुप के अंतर्गत) और
प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट(प्राइमरी ग्रुप के अंतर्गत) पूर्व निर्धारित लेजर होते हैं
|
1.
Cash: इस लेजर
को कैश-इन-हैंड ग्रुप के अंतर्गत बनाया जाता है| हम जिस
दिनांक से बहिया प्रारंभ हो रही हैं वहीं से ओपनिंग बैलेंस की प्रविष्टि कर सकते
हैं | हम नाम
को बदल भी सकते हैं तथा साथ ही लेजर को डिलीट भी कर सकते हैं |
2.
Profit
and Loss Account : इस लेजर को प्राइमरी
ग्रुप के अंतर्गत बनाया जाता है इस लेजर के लिए गत वर्षो की लाभ तथा हानि को
ओपनिंग बैलेंस के रूप में प्रविष्ट किया जाता है | यहां
प्रविष्टि किये गए बैलेंस को ओपनिंग प्रॉफिट एंड लॉस के रूप में माना जाता है और
इसे बैलेंस शीट में लाइबिलिटी पक्ष के अंतर्गत प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट ओपनिंग
बैलेंस के रुप में प्रदर्शित दर्शाया जाता है | इस लेजर
को हम डिलीट नहीं कर सकते है परंतु संशोधित तो कर ही सकते हैं |
सभी चाइल्ड ग्रुप्स और लेजर्स द्वारा पेरेट रिजवर्ड
ग्रुप की विशिष्ट प्रॉपर्टीज को इन्हेरिट किया जाता है। विस्तृत ट्रांसेक्शन्स
दर्ज किये जाने के लिए हमे अपनी पसंद के और अधिक लेजर्स,ग्रुप्स
तथा सुब ग्रुप्स जोड़ने की आवश्यकता होती है |
अकाउंट की बहियो में लेजर्स द्वारा एसेट्स,लायबिलिटीज,इनकम,अथवा
एक्सपेंसेस को प्रभावित किया जाता है, किसी ट्रांसेक्शन की प्रविष्ट करने के तुरंत पश्चात्
टैली द्वारा प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट तथा बैलेंस शीट उत्पन्न की जा सकती है | यह
सुविस्तृत फाइनेंशियल स्टेटमेंट और रिपोर्ट्स की श्रंखला भी उत्पन्न कर सकता है |
कंपनी फीचर्स
कंपनी में विभिन्न फीचर्स होते है जिन्हें टैली में एम्बेडेड किया
जाता है। इन फीचर्स को तीन भागों में बांटा गया है Accounting ,Inventory,
Statutory & Taxation.
![]()
किसी कंपनी के इन फीचर्स को बदलने के लिए F11
function key या
F11: Company Feature button का प्रयोग किया
जाता है प्रत्येक कंपनी में अलग-अलग फीचर्स को एक्टिवेट किया जा सकता है
। Company Features मेन्यू से हम Accounting, Inventory अथवा Statutory
& Taxation फीचर
को Choose कर सकते हैं।
हम कंपनी के सारे Features के बारे में जानेगे ।
इस पोस्ट में हम टैली के Inventory Features के बारे में जानेगे |
Inventory Features
इस फीचर के द्वारा हमें आवश्यक इनवेंटरी फीचर्स सेट किए जाने की सुविधा मिलती
है। Company menu पर Inventory Features को सिलेक्ट करने पर हमें निम्नलिखित स्क्रीन
प्राप्त होती है। Company
Features →Inventory Features

1.General
(a) Integrate accounts and inventory: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों को ही निष्पादित करती है।
(b) Allow Zero Valued entries: यदि हम
शून्य मूल्य की प्रविष्टियाँ करना चाहते है तो इस ऑप्शन को Yes पर सेट
किया जाता है।
2. Storage and Classification
(a) Maintain multiple Godowns: यदि
हमारे पास एक से अधिक स्टॉक पॉइंट /स्टोरेज लोकेशन्स/ गोडाउन विद्यमान हैं और हम
इन लोकेशन्स के मध्य होने वाले स्टॉक के संचालन का हिसाब-किताब रखना चाहते हैं तो
इस Options को Yes पर सेट
करे। हमारे द्वारा इस options को Yes पर सेट
किए जाने बाद ही Gateway
of Tally>Inventory info मैन्यू में गोडाउन्स
पर stock options प्रदर्शित
किया जाएगा। हम प्रत्येक लोकेशन पर अपने स्टॉक्स की पहचान करने में सक्षम होने के
साथ ही साथ वाउचर एंट्री के दौरान एक अथवा अधिक लोकेशन्स के लिए स्टॉक संचालन प्रदान
कर पाएँगे।
(b) Maintain Stock Categories: यदि हम
स्टॉक केटैगरीज बनाना तथा व्यवस्थित रखना चाहते हैं तो इस options को Yes पर सेट
करे। यह Stock item creation
स्कीन के अंतर्गत एक नई फील्ड Category की रचना
करेगा।
(c) Maintain batch wise details: स्टॉक
आइटम्स से संबंधित बैच इंफॉर्मेशन को व्यवस्थित रखने हेतु इस options को Yes पर सेट
करें| stock item
creation स्कीन के अंतर्गत एक नई फील्ड Use expiry dates प्रदर्शित
कर दी जाएगी।
(set expiry dates for batches): यदि हम
बैचेज हेतु एक्सपायरी डेट्स सेट करना चाहते है तो इस options को Yes पर सैट
करे यह stock item creation
स्कीन के अंर्तगत एक अतिरिक्त फील्ड Use expiry dates Show करेगा।
यह उन व्यवसायों के लिए उपयोगी होता है जो एक्सपायरी डेट्स वाले माल जैसे कि
दवाइयाँ, भोजन और
अन्य नाशवान पदार्थों का व्यापार करते हों। वाउचर एंट्री के दौरान डिफाल्ट रूप से
वाउचर की दिनांक को ही उत्पाद के निर्माण की दिनांक के रूप में माना जाता है। इस
दिनांक को परिवर्तित किया जा सकता है परंतु वाउचर दिनांक के बाद वाली किसी दिनांक
पर नहीं। ठीक इसी तरह से एक्सपायरी दिनांक पर वाउचर दिनांक से पहले की दिनांक नहीं
डाली जा सकती है।
(d) use different actual & billed Qty: यदि हम
इनवॉइस तैयार करते समय actual और billed Quantity को
अलग-अलग रखना चाहते है तो इस options को Yes पर सेट
किया जाता है।
3. Order processing
(a) Allow purchase order processing: purchase orders बनाने
हेतु यह options yes पर सेट
करें। यह फीचर परचेज ऑर्डर के प्री-क्लोजर- हेतु भी प्रयुक्त किया जा सकता है।
(b) Allow sales order processing: sales orders बनाने
हेतु यह options yes पर सेट
करे। यह फीचर सेल्स ऑर्डर के प्रीआर्डर क्लोजर हेतु भी प्रयुक्त किया जा सकता है।
4. Invoicing
(a) Allow Invoicing: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही निष्पादन करती है।
(b) Use debit/credit notes: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों का ही निष्पादन करती है।
1.
Use
invoice mode for debit notes: यह फील्ड भी
अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही निष्पादन करती है।
2.
Use
invoice mode for credit notes: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित कार्यों का ही निष्पादन करती है।
5. Purchase Management
Track additional of purchase: यह
फील्ड भी अकाउंटिंग फीचर्स में वर्णित किए गए कार्यों का ही निष्पादन करती है!
6. Sales Management
Use Multiple price levels: Multiple price levels निर्मित
करने हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट किया जाता है।
7. Additional Inventory Vouchers
(a) Use tracking numbers (delivery/receipt notes): यदि हम
डिलीवरी नोट्स और invoice
/ bills के मध्य संबंध बनाए रखने के लिए ट्रेकिंग नम्बरों का
उपयोग करना चाहते हैँ तो इस विकल्प को Yes पर सेट
करे। यह परचेज और सेल्स दोनों के लिए उपलब्ध है।
(b) Use rejection inward/outward notes: यदि हम
माल की अस्वीकृति का रिकॉर्ड किसी सामान्य डेबिट नोट या क्रेडिट नोट के माध्यम से
नहीं बल्कि अलग से रखना चाहते तो इस विकल्प को Yes पर सेट
करे।
यह फीचर हमें कंपनी के संचालन हेतु आवश्यक Statutory
Features (वैधानिक
फीचर्स) सेट करने की सुविधा देता है। Company
creation स्कीन में
statutory compliance for फील्ड के अंतर्गत Countries की list से किसी देश को सिलेक्ट किए जाने पर ही इस
ऑप्शन को एनेबल करना संभव है। Statutory & Taxation स्कीन पर जाने के लिए Company features मेन्यू से statutory
& taxation को
सिलेक्ट करे। या F3 बटन दबाएँ। जिससे निम्नानुसार स्कीन
प्रदर्शित होती है।

इस Screen को दो भागों Statutory & Taxation और Tax information में
विभाजित किया जाता है।
Statutory and taxation
(a) Enable dealer-excise (set/alter dealer-excise details): डीलर्स
फीचर के लिए एक्साइज को एनेबल /परिवर्तित करने हेतु इन विकल्पों केा Yes पर सेट
करें।
(b) Follow excise rules for invoicing:एक्साइज
नियमों के पालन हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट करे। company excise details स्कीन
निम्नानुसार प्रदर्शित होती है ।
![]()
Invoices
पर प्रिंट करने हेतु उसे उपरोक्त एक्साइज इंफॉर्मेशन प्रदान करे
और सेव करने के दिए Yes करें।
(c) enable value added tax (VAT) (set/alter VAT details): कंपनी
के लिए VAT features एनेबल
करने के लिए इस ऑप्शन को Yes पर सेट करे जब हम़ set/alter VAT details फील्ड
में Yes टाइप
करेगे। तब निम्नलिखित स्क्रीन प्रदर्शित कर दी जाएगी ।
![]()
इस स्कीन में state,type of dealer और regular VAT applicable form जैसे VAT संबंधी
ब्यौरे भी दिए जाते हैं ।
(d) Enable service tax (set/alter service tax details): कंपनी
के लिए सर्विस टेक्स फीचर्स को एनेबल करने हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट
करे।
(e) Enable tax deducted at source (TDS) (set/alter TDS
details): यह Tally के
विशिष्ट फीचर्स में से एक है । यह सुविधा हमें सर्विसेज, इनकम्स, के
निर्दिष्ट प्रकारों पर IT एक्ट में निर्धारित की गई दरों के आधार पर सरकार की
ओर से स्त्रोत पर Income
Tax की कटौती (TDS) करने की अनुमति प्रदान करती है तथा उसे सेवा प्रदाता
की ओर से तत्संबंधित अधिकारियों के खातों में जमा करने में सक्षम बनाती है।कंपनी
के लिए TDS फीचर्स
को एनेबल किए जाने हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट करे
(f) Enable tax collected at source (TDS)(Set/Alter TCS
Details): कंपनी
के लिए TCS फीचर्स
को एनेबल करने हेतु इस विकल्प को Yes पर सेट करे।
(g) Enable fringe benefit tax (FBT)(Set/Alter FBT Details): कंपनी
के दिए FBT फीचर्स
को एनेबल करने हेतु हम विकल्प को Yes पर सेट करें।
2. Tax information: इस खण्ड
में यहाँ जो फील्ड्स उपलब्ध हैं । ये फील्ड्स VAT TIN (Composition), VAT TIN
(regular), Local sales tax number, inter-state sales tax number और PAN/Income-Tax Number हैँ ।
इनमें से प्रथम दो,
अर्थात VAT TIN (composition) और VAT TIN (regular)केवल
तभी दिखाई देती है। जबकि Enable value added tax (VAT) विकल्प
को Yes पर सेट
किया गया हो , अन्यथा
ये Hidden रहती
हैं।
(a) VAT TIN (Composition): इस
फील्ड में वांछित डेटा रखें। इस चित्र में Type of dealer फील्ड
मे “Composition” हेतु
यदि डीलर टाइप सेट है तो यह फील्ड एनेबल होती है।
(b) VAT TIN (Regular): इस
फील्ड में वांछित डेटा रखें। इस चित्र में Type of Dealer फील्ड
में Regular हेतु
यदि डीलर टाइप सेट है तो यह फील्ड एनेबल होती है।

(c) Local Sales Tax Number: Company Creation के
दौरान प्रविष्ट किया जाने वाला Local Sales Tax Number इस
फील्ड स्वचालित रूप से प्रदर्शित कर दिया जाता है।
(d) Inter-state-Tax number: PAN यहाँ पर
दिए जाने वाले ब्यौरे में पंजीयन की संख्या और दिनांक (भारत मेँ) शामिल होती है।
यह जानकारी, यदि दी
जाती है तो invoices पर
प्रिंट की जा सकती है। यह जानकारी प्रदान करना अनिवार्य नहीं है और हम इसे रिक्त
छोड सकते हैं।
(e) PAN/Income-Tax number: PAN/Income tax number वह
संख्या होती है जिसे आयकर अधिकारियों द्वारा आवंटित किया जाता है। इस संख्या में 10 अंक
शामिल होते है तथा ये अल्फान्यूमेरिकल हो सकती है। यहाँ प्रविष्ट की जाने वाली
जानकारी अकाउंट कन्फर्मेशन स्टेटमेंट्स में प्रकट होती है। यह जानकारी प्रदान करना
अनिवार्य नहीं है और हम इसे रिक्त छोड सकते है।
ग्रुप
एक ही तरह के लेजर्स का संग्रह होता है, हम एक ही तरह के
लेजर्स का कंपनी पर प्रभाव देखने के लिए इन ग्रुप्स को बनाते है | उदाहरण के लिए सभी सेल्स लेजर को Sales account ग्रुप में लेते है |
Tally.ERP9 में
पहले से ही 28 पूर्व निधारित
ग्रुप होते है| जिसमें से 15 प्राइमरी
ग्रुप और 13
सब- ग्रुप होते है |
How to Create New Group
Group: एक
ही नेचर के लेजर्स के कलेक्शन को ग्रुप कहा जाता है | टैली
में पहले से ही कई ग्रुप बने होते है, लेकिन
आप स्वयं का कोई ग्रुप बनाना चाहते है
तो निम्न प्रोसेस को follow करना होगा |
Gateway of Tally →
Account Info.→ Groups→ Single Group→ Create
![]()
1.Name: ग्रुप
का नाम यहाँ एंटर करे |
2.Alias: रेफरेन्स
के लिए अगर आप अलग नाम चाहते है तो यहाँ दे|
3.Under: टैली
में पहले से ही define ग्रुप में से
काई भी पैरेंट ग्रुप को सिलेक्ट करे|
4.Group
behaves like a Sub-Ledger: अगर
आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया
तो यह ग्रुप लेजर के लिए कंट्रोल अकाउंट कि तरह काम करगा| यानी
सिफ ग्रुप का बैलेंस दिखेगा ना कि लेजर के हिसाब से |
5.Net
Debit/Credit Balances for Reporting: अगर
आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया
तो Trial
Balance में अलग डेबिट और क्रेडिट बैलेंस कि
जगह इस ग्रुप की नेट अमाउंट दिखेगी |
6.Used for
calculation: अगर आप इस
ग्रुप में अकाउंटिंग करते समय ड्यूटी और टास्क को लागू करना चाहते है तो यहाँ Yes सेक्लेक्ट
करे|
|
15
Primary Groups |
13
Sub Groups |
|
Branch / Divisions |
Bank Accounts |
|
Capital Account |
Bank OD A/c |
|
Current Assets |
Cash-in-hand |
|
Current Liabilities |
Deposits (Asset) |
|
Direct Expenses |
Duties & Taxes |
|
Direct Incomes |
Loans & Advances (Asset) |
|
Fixed Assets |
Provisions |
|
Indirect Expenses |
Reserves & Surplus |
|
Indirect Incomes |
Secured Loans |
|
Investments |
Stock-in-hand |
|
Loans (Liability) |
Sundry Creditors |
|
Misc. Expenses (ASSET) |
Sundry Debtors |
|
Purchase Accounts |
Unsecured Loans |
|
Sales Accounts |
|
|
Suspense A/c |
ग्रुप में किसी भी इंफॉर्मेशन को परिवर्तित करने के लिए मेन्यू से alter को सिलेक्ट करते
हुए हम Single अथवा Multiple Group को परिवर्तित कर सकते हैं।
ग्रुप तैयार करने के बाद अगर आपको इसमें
बदलाव करना है तो Single and Multiple
Groups से alter को
सिलेक्ट करे|
Gateway of Tally →
Account Info.→ Groups→ Single Group→ Alter
1. Single Group: Gateway of Tally→Accounts info→Group→Alter (under
single group) पर जाएँ | List of group’s से वह Group चुने जिसे हम बदलना चाहते हैं, अपनी आवश्यकता के अनुसार Changes करे ।
और Changes को Save करने के लिए Yes पर क्लिक करें।
' alt="Image result for alter group in tally" class=aligncenter v:shapes="_x0000_i1035">
2. Multiple Group: Gateway of Tally→Accounts info→Group→Alter (under
Multiple Group) पर जाएँ| List of group’s से वह Group
Select कीजिये। जिसमें हम Changes करना
चाहते हैं | Multi group alteration स्कीन के अंतर्गत अपनी आवश्यकता के अनुसार Changes करे ।
और Changes को Save करने के लिए Yes पर क्लिक करें।
' alt="Image result for alter multiple group in tally" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1036">
Display Group
हम Single अथवा Multiple modes में Groups
को Display कर सकतें हैं। चूंकि यह केवल Display
mode है, अतः टैली हमें Display mode में कोई भी इंफॉर्मेशन बदलने की Permission नहीं देता है।
1. Single Mode: Gateway of tally→Accounts
info→Group→Display (under single group) पर जाएँ
|
' alt="Image result for display single group in tally" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1037">
यहाँ हमें ग्रुप्स
की लिस्ट मिलेगी अपनी आवश्यकतानुसार ग्रुप का नाम सिलेक्ट करें।
' alt="Image result for display single group list in tally" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1038">
इसके बाद हमें group display स्कीन
प्राप्त होगी |
' alt="Image result for display single group list in tally" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1039">
2. Multiple Mode: Gateway of tally→Accounts
info→Group→Display (under Multiple group) जाएं।
![]()
अब सिलेक्टेड ग्रुप के अंतर्गत सभी ग्रुप को display करने के
लिए list of groups को
सिलेक्ट करे। सभी ग्रुप्स को display करने के लिए हम all item को भी
सिलेक्ट कर सकते हैं। Multi group display स्कीन
द्वारा ग्रुप्स को और ग्रुप्स के अंतर्गत विवरणों को listed किया
जाएगा ।

Tally में Single alteration मोड के माध्यम से डिलीट फंक्शन प्रयोग किया जाता है ।
हम Multiple alteration मोड से ग्रुप्स को डिलीट नहीं कर सकते हैं। ग्रुप को
डिलीट करने के लिए Gateway of Tally→ Accounts info→ Groups→ Alter (under single
group) पर
जाएँ|
' alt="Related image" class=aligncenter v:shapes="_x0000_i1041">
Alter को Select करने पर Groups की List
Display होगी |
![]()
यहाँ
पर डिलीट किए जाने वाले ग्रुप जो सिलेक्ट करे और Alt+D दबाएँ।
अब ग्रुप को डिलीट करने के लिए एक मेसेज डिस्प्ले होगा यदि ग्रुप डिलीट करना चाहते
है तो Yes पर click करे अन्यथा No पर click करे |
Ledger
अकाउंट ग्रुप बनाने के बाद अकाउंट्स लेजर्स बनाये जाते हैँ। अकाउंट लेजर्स
हमारे द्वारा पूर्व में बनाए गए अकाउंट ग्रुप्स से जुडे हुए होते हैं। टैली में दो
लेज़र पहले से बने होते है cash और Profit
& loss a/c इनके अतिरिक्त
यूजर्स नए लेजर्स भी बना सकते है। जर्नल एंट्रीज़ करने से पहले हमे
लेजर बनाने होते है| लेजर एक तरह के अकाउंट होते है, जिनकी मदद से हम वाउचर एंट्रीज करते है|
Example:-
Ram a/c, Bank A/c आदि |
Create ledger
टैली में हम सिंगल और मल्टीपल लेज़र बना सकते है |
1. Create: हमारी कंपनी के F11: Features और F12: Configure के
अंतर्गत जिन फीचर्स को हमने चुना है, उनके आधार पर किसी लेजर को create किया
जाता है। enable अथवा disable किए गए Advanced mode के साथ
हम सिंगल लेजर अकाउंट बना सकते हैं।
सिंगल लेजर बनाने के लिए Gateway of tally→ Account info
→Single Ledger →Create पर जाना होता है।
' alt="Image result for ledger in tally" class=aligncenter v:shapes="_x0000_i1043">
Create
पर click करने के बाद Ledger Creation Window open होगी |

इस window में निम्नलिखित
जानकारियाँ भरी जायगी |
(a) Name: इस फील्ड मे लेजर का
नाम डाले।
(b) Alias: यदि आवश्यक हो तो
उपनाम (वैकल्पिक) डाले । हम मूल नाम तथा उपनाम का उपयोग करते हुये ledgers को
एक्सेस कर सकते है।
(c) Under: उस ग्रुप का चयन करे
जिसके अंतर्गत यह लेजर अकाउंट आता है। हमें एक पॉप-अप विंडो प्राप्त होगी जिससे हम
उपयुक्त ग्रुप का चयन कर सकेगे।
(d) Opening balance: हम लेजर
के Opening Balance को लेजर
अल्ट्रेशन विंडो के निचले भाग में डाल सकते हैं।
(e) Cr/Dr: ओपनिंग बैलेंस यदि
शून्य नहीं है तो स्पष्ट करें कि राशि डेबिट है या क्रेडिट है।
(f) Mailing and related details: इसके
अंतर्गत allow addresses for
ledger accounts को यदि हम yes पर सेट
करते हैं तो Sundry debtors,
Sundry creditors, Loan, Loan and advance ग्रुप्स
के अंतर्गत हम लेजर अकाउंट्स के लिए पते एवं संबंधित विवरणों को प्रविष्ट कर सकतें
हैं| F12: configure के
अंतर्गत use contact details
for ledger accounts पर यदि हम yes सेट
करते है तो हमें contact,
person, telephone और fax number इत्यादि
प्रविष्ट करने के लिए अतिरिक्त निर्देश प्राप्त होगे।
लेज़र में किसी भी इंफॉर्मेशन को परिवर्तित करने के लिए मेन्यू से alter को सिलेक्ट करते
हुए हम सिंगल अथवा मल्टीप्ल लेज़र को परिवर्तित कर सकते हैं।
लेज़र तैयार करने के बाद अगर आपको इसमें
बदलाव करना है तो Single and Multiple
Ledger से alter को
सिलेक्ट करे|
Gateway of Tally →
Account Info.→ Ledger→ Single Ledger→ Alter
Single Ledger:Gateway of Tally→Accounts info→Ledger→Alter पर जाएँ |
List of ledger से वह ledger चुने जिसे हम बदलना चाहते हैं, अपनी आवश्यकता के अनुसार Changes करे ।
और Changes को Save करने के लिए Yes पर क्लिक करें।
' alt="Image result for display ledger list in tally" class=aligncenter v:shapes="_x0000_i1044">
Multiple Ledger:Gateway of Tally→Accounts info→Ledger→Alter पर जाएँ|
' alt="Image result for alter multiple ledger in tally" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1045">
List of Ledger से वह Ledger
Select कीजिये। जिसमें हम Changes करना
चाहते हैं | Multi Ledger alteration स्क्रीन के अंतर्गत अपनी आवश्यकता के अनुसार Changes करे ।
और Changes को Save करने के लिए Yes पर क्लिक करें।

Display
Ledger
हम सिंगल अथवा
मल्टीप्ल मोड में लेज़र को प्रदर्शित कर सकतें हैं। चूंकि यह केवल Display mode है, अतः टैली हमें Display
mode में कोई भी इंफॉर्मेशन बदलने की अनुमति
नहीं देती है।
1. Single Mode: Gateway of tally→Accounts info→Ledger→Display पर जाएँ |

अब लेज़र की लिस्ट प्रदर्शित होगी यहाँ से
उस लेज़र को चुने जिसे आप देखना चाहते है
![]()
अब वो
लेज़र ओपन हो जाएगा जिसे आपने सेलेक्ट किया था |
व्यापार में होने वाले लेन देन अर्थात् Transaction
की
एंट्री करने के लिए वाउचर का प्रयोग किया जाता हैं |
Example : purchase
invoice, sales receipt, bank interest statement etc.
“A voucher is a document containing the details of a financial
transaction. “
कॉण्ट्रा वाउचर का प्रयोग फंड ट्रांसफर
करने के लिए किया जाता है। कॉण्ट्रा वाउचर में कैश व बैंक के मध्य हुई लेन-देनों
को रिकार्ड किया जाता हैं। इसलिये इसमें केवल कैश व बैंक से सम्बंधित लेजर्स ही
प्रदर्शित होते हैं।
Example :
इस वाउचर का प्रयोग भुगतान से सम्बंधित
सभी प्रकार के लेन देन का रिकॉर्ड रखने के लिए किया जाता हैं चाहे वह भुगतान कैश
हो या बैंक के माध्यम से किये गए हो|
Example :
Receipt Voucher का प्रयोग प्राप्ति से सम्बंधित एंट्री करने के लिए किया जाता
हैं|
Example :
जर्नल वाउचर एक एडजस्टमेंट वाउचर (adjustment Voucher) हैं ,इसलिए इसका प्रयोग सामान्य एंट्री करने के लिए किया जाता हैं |
Example :
सेल्स वाउचर का प्रयोग विक्रय से सम्बंधित
सभी लेन देन चाहे नगद हो या उधार हो की एंट्री करने के लिए किया जाता हैं |
Example :
परचेस वाउचर का प्रयोग क्रय से सम्बंधित
सभी लेन देन चाहे नगद हो या उधार हो की एंट्री करने के लिए किया जाता हैं |
Example :
क्रेडिट नोट वाउचर का प्रयोग विक्रय वापसी
से सम्बंधित एंट्री करने के लिए किया जाता हैं इसके अलावा माल पर दी गई छूट की
एंट्री करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता हैं| इस वाउचर का प्रयोग करने से
पहले इसे एक्टिवेट करना पड़ता हैं इसे एक्टिवेट करने के लिए F11 Key दबाकर Use Debit note / credit note option को yes करना पड़ता हैं |
Example :
डेबिट नोट वाउचर का प्रयोग क्रय वापसी से
सम्बंधित एंट्री करने के लिए किया जाताहैं इसके अलावा माल पर प्राप्त छूट की
एंट्री करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता हैं| इस वाउचर का प्रयोग करने से
पहले इसे एक्टिवेट करना पड़ता हैं इसे एक्टिवेट करने के लिए F11 Key दबाकर Use Debit note / Credit note option को Yes करना पड़ता हैं |
Example :
यह एक विशेष प्रकार का वाउचर होता हैं जो
एक निश्चित अवधि के बाद स्वतः ही जर्नल वाउचर के समान हो जाता हैं इस वाउचर का
प्रयोग एंट्री को रिवर्स करने के लिए किया जाता हैं|
यह एक नॉन एकाउंटिंग वाउचर हैं इसका
प्रयोग याददाश्त से सम्बंधित एंट्री करने के लिए किया जाता हैं इस वाउचर में की गई
एंट्री का प्रभाव किसी स्टेटमेंट पर नहीं पड़ता हैं|
Example :
Voucher Entry
हम वाउचर एंट्री के माध्यम से
किसी ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करते हैं। टैली में अकाउंट्स वाउचर प्रविष्ट करने के
लिए टैली के मेन मैन्यू पर Accounting Vouchers को सिलेक्ट करें।
Gateway of
Tally →Transactions → Accounting Vouchers

वाउचर
एंट्री स्क्रीन में बटन बार पर हमें प्रत्येक वाउचर टाइप के दिए एक बटन प्राप्त
होगा। वाउचर एंट्री स्कीन का संबंधित टाइप प्राप्त करने के लिए उपयुक्त बटन को
क्लिक करे या उससे संबंधित Function Key दबाएँ।
Voucher Entry Format :
वाउचर्स को इन फॉर्मेट्स में रिकॉर्ड किया जा सकता है |
Normal Format (डेबिट और क्रेडिट कॉलम्स के साथ)
Single Format (बिना डेबिट और क्रेडिट कॉलम्स के)
डबल मोड
(नार्मल फॉर्मेट) में एंट्री करना वाउचर को रिकॉर्ड किए जाने का सर्वाधिक लोकप्रिय
और उपयोगी तरीका है।नार्मल फॉर्मेट सेट करने के लिए F12:configure पर
क्लिक करे और Voucher
Ledger Accounts विकल्प को सिलेक्ट करे। जब हम यह विकल्प सिलेक्ट करे
तो Accounting Voucher
Configure स्कीन प्रकट हो जाएगी। इस स्क्रीन में use single mode for
payment/Rcpt/contra विकल्प को no पर और Use Cr/Dr instead of to/by during
entry विकल्प को yes पर सेट
कर दें।
Components of
Voucher screen
वाउचर
एंट्री स्कीन को 3
भागो में विभाजित किया जा सकता है|

1. Voucher Header: Voucher Header में हम
निम्नलिखित विवरण प्रविष्ट कर सकते है |
a. Voucher Number: प्रत्येक
वाउचर टाइप के लिए टैली द्वारा वाउचर नम्बर को कालानुक्रमिक क्रम में उत्पन्न की
गई श्रंखलानुसार प्रदर्शित किया जाता है।
उदाहरणार्थ, यदि हमारे पेमेंट्स वाउचर का नम्बर 5 था तो
अगली बार यह 6 होगा
परंतु हम किसी वाउचर को डिलीट कर देते है तो उस स्थिति में टैली दिनांक के अनुक्रम
में वाउचर नम्बरों को पुनः व्यवस्थित कर देता है।
b. Voucher Date: वाउचर
की दिनांक निरूपित करने हेतु इस फील्ड में वर्तमान दिनांक रखी जाती है। परंतु यदि
हम वाउचर दिनांक बदलना चाहते है तो हम निम्नलिखित कार्य सम्पन्न कर सकते है
2. Voucher ledger accounts: इस
क्षेत्र में प्रत्येक लेजर ट्रांजेक्शन और संबंधित डेटा प्रविष्ट किया जाता है।
a. Ledger Account: पर्टिंक्युलर्स
फील्ड में दाहिनी ओर दी गयी लेज़र्स की लिस्ट से लेजर अकाउंट को सिलेक्ट करें।
पर्टिंक्युलर्स -फील्ड में स्वचालित रूप से लेजर को प्रविष्ट करने के दिए हमें डबल
क्लिक करना होता है।
b. Ledger Amount: लेजर
अकाउंट का नाम प्रविष्ट करने के बाद इंटर दबाएँ और हम स्कीन के लेजर अमाउंट वाले
कॉलम पर पहुंच जाएँगे। डेबिट अथवा क्रेडिट कॉलम में राशि टाइप करे।
3. Voucher Narration: वाउचर
नैरेशन फील्ड में हम वाउचर ट्रांजेक्शन को संक्षेप में लिखते हैँ। उस
स्थिति में जबकी हम यह सुनिश्चित करना चाहते हों कि इस ट्रांजेक्शन को क्यों दर्ज
किया गया था, इसे
लेकर भविष्य में हम भ्रमित न हों, इसलिए हमें उसके साथ नैरेशन लिख लेना चाहिए।
बैंक
समाधान विवरण
Bank Reconciliation Statement
कोई व्यापारी या व्यापारिक
संस्था यदि लेनदेन के लिए बैंक का प्रयोग करती है तो हम इस ऑप्शन का प्रयोग करते
है | आजकल सभी व्यापारी बैंक के द्वारा अपने सभी
व्यापारिक लेनदेन करते है और इन्ही लेन-देनो का ब्यौरा रखने के लिए Cash book और Bank book बनायीं जाती है |जब व्यापारी बैंक में पैसा जमा करता है तो इसकी एंट्री Cash book और Bank book में करता है ,इसलिए दोनों खातो का शेष सामान रहता है लेकिन कभी-कभी इन दोनों खातो का शेष
सामान नहीं होता तब Cash Book एवं Pass Book के शेष में होने वाले अंतर को मिलाने के लिए जो स्टेटमेंट तैयार किया जाता है
उसे बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में Cash Book एवं Pass Book के शेषों में जिन-जिन कारणों से
अंतर होता है उसे व्यक्त करने के लिए जो स्टेटमेंट तैयार किया जाता है उसे बैंक
समाधान विवरण कहा जाता है।
बैंक समाधान विवरण की विशेषताए
Characteristics of Bank Reconciliation Statement
बैंक समाधान विवरण की आवश्यकता /महत्व
Requirement of Bank Reconciliation Statement
बैंक
समाधान विवरण बनाने की विधियाँ
Methods of Bank Reconciliation
Statement
बैंक
समाधान विवरण निम्नलिखित में से किसी एक विधि से बनाया जा सकता है |
ब्याज की गणना Tally.ERP
9 में
एक बहुत ही उपयोगी विशेषता है। टैली ERP 9 में ब्याज की गणना
नए वर्जन में करना आसान है| टैली
दो तरीकों से ब्याज की गणना करने की अनुमति देता है। य़े हैं : Simple
Interest और
Compound Interest| आम तौर पर ब्याज की गणना अतिदेय बिलों (Overdue
bills) या
विलंबित भुगतानों (delayed Payment) और ऋणों (loans) पर की जाती है।
ब्याज प्राप्तकर्ता को आय और भुगतानकर्ता के लिए व्यय है।
साधारण ब्याज (Simple
Interest): साधारण ब्याज एक ब्याज है जिसकी केवल मूल राशि (Principal
Amount) पर
गणना की जाती है। उदाहरण के लिए तीन साल के लिए 5000 @ 5% सालाना जमा राशि पर
ब्याज की गणना –
प्रथम वर्ष = 5000 x
5% = 250
दूसरा वर्ष = 5000 x
5% = 250
तृतीय वर्ष = 5000 x
5% = 250
कुल ब्याज = 750
चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest): चक्रवृद्धि
ब्याज की गणना सिद्धांत + संचित ब्याज (Principle + Accumulated Interest) पर की जाती है। चक्रवृद्धि ब्याज विधि में समान उदाहरण की गणना
करते हैं।
प्रथम वर्ष = 5000 x
5% = 250.00
द्वितीय वर्ष = 5250
x 5% = 262.50
तृतीय वर्ष = 5512.50
x 5% = 275.62
कुल चक्रवृद्धि ब्याज = 788.12
आशा है कि आपको साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में अंतर समझ
आ गया होगा।
टैली में ब्याज की गणना करने के लिए सबसे पहले हमे Simple Mode Interest को सक्रिय करना होगा जिसके लिए निम्न स्टेप को फॉलो करे-

उदाहरण –
2/12/2019 को 30 दिनों की क्रेडिट अवधि के लिए
50000 रुपये में सीएमसी लिमिटेड को माल बेचा गया। विलंबित भुगतान पर 20% प्रति वर्ष का ब्याज दिया। 30-30/1/2020 को सीएमसी को कितना ब्याज देना होगा|
आपको सक्रिय रूप से ब्याज के साथ एक Customer account बनाना होगा |
o Ledger name – CMC ltd.
o Under group – Secure Loan
o Activate Interest Calculation – Yes करें और Enter प्रेस करे|

02-12-2019
से 30-01-2020
तक बिक्री हुई। दिए गए क्रेडिट दिनों में 30 दिन थे जो पार्टी पर समाप्त
हो गए थे, उन्होंने कोई भुगतान नहीं किया था। पार्टी ने प्रतिवर्ष 20% के ब्याज के कारण सहमति
व्यक्त की। नियत दिनों से अधिक की कुल संख्या। कुल ब्याज जानने के लिए
Budget
टैली में बजट का निर्माण खर्चो
पर नियंत्रण रखने के लिए किया जाता है आप Tally.ERP
9, में Budget Feature का Use करके अपनी कंपनी के आय तथा व्यय
पर नजर रख सकते है और यह भी देख सकते है की आय और व्यय आपके बजट के According है या नही | बजट कंपनी के Funds
को और effectively Use करने में आपकी मदद करता है |
बजट एक निश्चित उद्देश्य के लिए
एक निर्धारित अवधि के लिए बनाया गया विवरण होता है, जिसमे हम वित्तीय मामलो के बारे
में विचार रखते है। बजट किसी व्यक्तियों या संगठन की क्षमता मापने का आसान तरीका
है जिससे हम तय किये गए माप व वास्तविक कार्य की आसानी से तुलना कर सकते है। यह एक
संगठन के उदेश्य पूर्ति के लिए बनाए गए घटक है जो कार्य के शुरू होने से पहले ही
निश्चित कर लिए जाते है। यह संगठन की कार्य प्रणाली का blue print माना जा सकता है। बजट एक निश्चित अवधि के लिए आमतौर पर एक वर्ष के लिए एक
वित्तीय योजना है। बजट किसी व्यक्ति, परिवार, लोगों का एक समूह, एक व्यवसाय,एक सरकार,एक देश,बहुराष्ट्रीय संगठन या किसी और चीज के बारे
में किया जा सकता है जो पैसे कमाता है और खर्च करता है। बजट का उपयोग भविष्य के
लिए योजना बनाने में किया जाता है ताकि हमे ये याद रहे की हम जो भी कार्य करे वो
उस बजट के अनुसार करे ताकि हमारा तय किया गया हर कार्य हो सके |
Budget in Tally
Tally में बजट एक special option होता
है। बजट का उद्देश्य कार्य के लिए बजट निर्धारण करना होता
है। इस option के
द्वारा यदि हम किसी भी ledger का बजट create करते है
तो उसके खर्चो के लिए रकम का निर्धारण कर लेते है। यदि उस particular ledger में
निर्धारित रकम से ज्यादा हम खर्च करते है तो टैली में entry करते
समय यह बतायेगा की निर्धारित रकम समाप्त हो चुकी है। यदि हम दूसरी बार किसी ledger का बजट
बनाना चाहते है तो इसे हम बना सकते है।
How to activate Budget in tally
Budget बनाने से पहले budget feature को activate करना
होता है उसके लिए आपको सबसे पहले F11 key का प्रयोग करते है।
इस key को
प्रेस करने पर एक option
window display होती है इस window में एक option होता
है। जो budget से
सम्बंधित रहता है इस option को yes करने पर
बजट activate हो जाता
है |
Gateway of Tally→F11: Features
(Accounting Features)

यहाँ ‘Maintain Budgets and Controls’ ऑप्शन
को ‘Yes’ पर सेट
करे
How to create Budgets in Tally
बजट को activate करने के
बाद budget option
activate हो जाता है | आप budget option पर जाने
के लिए आपको पहले Gateway
of tally के अंतर्गत Account information में बजट
ऑप्शन मिलता है। जब आप इस ऑप्शन को एंटर करते है तो आपको तीन ऑप्शन मिलते है- Create, Alter ,Quit | create
option का प्रयोग नया बजट बनाने के लिए किया जाता है , Alter option का
प्रयोग पहले से बने हुए बजट को देख सकते है और उसमे आप अपने अनुसार जो परिवर्तन
करना चाहते है तो कर सकते है |
अब आपको
budget create करने के
लिए create option पर select करना
होता है जिससे आपके सामने budget creation window open हो
जाएगी। अब आप बजट create
कर सकते है |
Individual ledger account, groups of ledger accounts तथा Cost Centers इन सभी
के लिए हम Budget बना
सकते है।
उदा. के लिए traveling, advertisement, operations आदि के
लिए बजट बना सकते है। बजट बनाने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे |Gateway of Tally →Accounts
Info.→Budgets→Create पर क्लिक करे |


Create option पर
क्लिक करने से Budget
Creation Window open होगी यहाँ आवश्यक जानकारी भरे |

Alter budget
Gateway of tally→account
info→budget→alter
आल्टर
ऑप्शन का प्रयोग हम पहले से बने हुए बजट को देखने के लिए और उस बजट में परिवर्तन
करने के लिए करते
है।
1) Name: यहाँ पहले से बना हुऐ बजट का नाम डालते है। जिसको आप
देखना या change करना
चाहते है।
2) Under: यहाँ Default या पूर्व में बने
किसी बजट को चुन सकते है।
Delete a budget
Gateway of tally→account
info→budget→alter→alt+D
बजट को
हटाने के लिए आपको आल्टर ऑप्शन सेलेक्ट करना होता है जिससे एक विंडो ओपन होती है
उसमे बजट के नाम की सूची में से जिस बजट को हटाना हो उसे चुनते है और Alt +D key दबा
देते है जिससे वह बजट डिलीट हो जाता है।
Scenario Management in Tally
(टैली में सिनेरियो मैनेजमेंट का प्रयोग कैसे
करे)
Scenario Management
Scenario
management एक
मैनेजमेंट टूल है जो सोर्स डेटा को प्रभावित किए बिना कुछ प्रकार के वाउचर समेत
चुनिंदा रूप से खातों और सूची से संबंधित जानकारी के विभिन्न प्रदर्शनों को सक्षम
बनाता है। यह अस्थायी रिपोर्ट तैयार करने में उपयोगी है, जहां मुख्य पुस्तकों में एंट्री
वास्तव
में नहीं बनाई जाती हैं। यह एक उपयोगी प्रोविजनल रिपोर्ट बनाने का लिए उपकरण भी है
अर्थात आप अस्थायी वाउचर का उपयोग करके खर्चों का अनुमान लगा सकते हैं और उन्हें
अपनी रिपोर्ट में शामिल कर सकते हैं।
Scenario
का उपयोग
ऐसी एंट्री करने के लिए किया जाता है, जिससे इस एंट्री का असर बाकि की
एंट्री पर न पड़े जैसे कि- electricity bill | scenario management के द्वारा टैली को इस्तेमाल करने
वाला यूजर एक साथ मल्टीप्ल सिनेरियो क्रिएट करके प्रोवीजनल रिपोर्टो को देख सकता
है। यह कार्य कुछ विशेष प्रकार के चुने हुए वॉउचरो के द्वारा सम्पन्न होता है और
इनका प्रभाव रेगुलर बुक में नहीं पड़ता है। scenario
management के तहत
जिन वाउचरो का यूज़ किया जाता है वे निम्नलिखित है –
Scenario management में
उपयोग किए जाने वाले वाउचर हैं-
Activate to scenario
टैली
में एक ऑप्शन होता है जिसका उपयोग कंपनी की सारी जानकारी देखन के लिए किया जाता
है। Scenario का
प्रयोग करने के लिए सबसे पहले F11 फंक्शन-की को दबाकर टैली की company accounting feature window
में स्थित ऑप्शन Use Reverse Journal vouchar and Optional Voucher में Yes type करके Activate करना
होगा|
Gateway of
tally →F11→Accounting Feature→Use Reversing journal voucher and Optional
voucher

जैसे ही
आप इस ऑप्शन को Activate
करते है, Scenario option आपको Gateway of tally के
अंतर्गत Account Info में दिखने
लगता है |
Gateway of tally →Account
info

Create scenario
जैसे ही
आप scenario option को
एक्टिवेट करते है
तो यह ऑप्शन account info के
अंतर्गत डिस्प्ले होने लगता है scenario option को
सेलेक्ट कर इंटर की प्रेस करते है | तब आपके सामने scenario creation window ओपन हो
जाती है-

creation window में
आपको कुछ ऑप्शन मिलते है-
Display scenario
Gateway of Tally →Account Info →
Scenario →Display
Scenario के effect को आप
निम्न प्रकार से देख सकते है-
1.
सबसे पहले आप Journal में एक entry करेंगे |
2.
दूसरी entry memo voucher में
करेंगे |
3.
इन दोनों entry का effect हमे profit and loss account में
दिखाई देगा | इस effect को
देखने के लिए Gateway
of tally के अंतर्गत profit and loss account को एंटर
करेंगे |
Alter a scenario
इस
ऑप्शन का प्रयोग किसी भी scenario को परिवर्तित करने
के लिए किया जाता है। जब हम scenario option को
डिस्प्ले करते है तो Alter option भी show होता है
इस ऑप्शन को सेलेक्ट करके एंटर की प्रेस करने पर list of scenario display कर
होगी। इस लिस्ट में से हम जिस scenario को modify करना
चाहते है उसे सेलेक्ट कर enter key press करेंगे।
तथा आवशयकतानुसार इस scenario में चेंज कर सकते
है। Alter option के लिए Shortcut Key A होती
हैं।
किसी
सिनेरियो को परिवर्तित करने हेतु निम्न प्रोसेस को फ़ॉलो करे –
Gateway of Tally →Account Info →
Scenario →Alter
जर्नल वाउचर एक adjustment
Voucher हैं
इसलिए इसका प्रयोग सामान्य एंट्री करने के लिए किया जाता हैं |
Credit Assets Purchase / Sales
Drawings / Donation / Charity as Goods
Goods Distribution as Free Sample
Loss by fire / Loss by theft
Any Adjustment Entry
1. Cash
withDraw for personal use.
Drawing a/c Dr.
5000
To cash a/c
5000
2. Bike
purchase for personal use.
Purchase a/c Dr.
30000
To cash a/c
30000
3. Goods
Loss by fire.
Loss by fire a/c Dr.
20000
To goods a/c
20000
4. Donate
cash worth Rs. 6000
Donation a/c Dr.
10000
To cash a/c
10000
How to use Journal voucher
Gateway of tally
↓
Accounting Voucher
↓
Select Journal voucher (F7)
↓
Date change (F2)
↓
Entry
↓
Accept
पेमेंट वाउचर एक अकाउंटिंग
वाउचर है जिसका प्रयोग भुगतान से सम्बंधित सभी प्रकार के लेन देन का रिकॉर्ड रखने
के लिए किया जाता हैं चाहे वह कैश हो या बैंक के माध्यम से किये गए हो |
जैसे
–
Payment Voucher entry
1.Salary
Paid.
2500.
Salary
a/c
Dr.
2500
To cash
a/c
2500
2.Wages
paid to Mohan. 2000.
Wages
a/c
Dr.
2000
To cash
a/c
2500
3.Cash
paid to Shyam Rs. 1500.
Mohan’s
a/c
Dr.
1500
To cash
a/c
1500
4.Discount
given on goods worth Rs. 500.
Discount
a/c
Dr.
500
To cash
a/c
500
5.Rent
Paid Rs. 1500
Rent
a/c
Dr.
1500
To cash
a/c
1500
Gateway of tally
↓
Accounting Voucher
↓
Select Payment voucher (F5)
↓
Date change (F2)
↓
Entry
↓
Accept
बैलेंस शीट का आशय ऐसे statement
से
है जो की एक निश्चित तारीख़ पर व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को प्रकट करता है। अर्थात
बैलेंस शीट व्यापारी की आर्थिक स्थिति का विवरण होता है |
साधारण शब्दों में कह सकते है
की एक निश्चित समय पर एक व्यापार या संगठन की संपत्तियां, देनदारियों, और पूँजी (Share
Capital) के
विवरण को बैलेंस शीट कहते हैं। आम तौर पर इसे कंपनी या संगठन के वित्तीय वर्ष के
अंत में बनाया जाता है| बैलेंस
शीट को Profit and Loss Account यानी लाभ हानि खाते के बाद
तैयार किया जाता है
बैलेंस
शीट में दो पक्ष होते है एक दायित्व (liability)
और दूसरा संपत्ति पक्ष (Asset) | दायित्व
पक्ष में व्यापार के सभी दायित्व लिखे जाते है जैसे- पूंजी (Capital),लेनदार
(Creditor) बैंक ऋण (bank
loan)आदि | तथा संपत्ति पक्ष में व्यापार
की समस्त संपत्तियां लिखी जाती है जैसे रोकड़ (Cash),देनदार
(Debtors),मशीन (machine)
,फर्नीचर (furniture),प्लांट (plant) आदि |
बैलेंस
शीट में संपत्ति(Assets) और दायित्व (Liability)
दोनों पक्षों का जोड़ बराबर होना चाहिए |अगर दोनों पक्षों का योग
बराबर नहीं है तो इसका अर्थ है की जर्नल एंट्रीज़ में या लेज़रिंग में कोई गलती की
गई है |
बैलेंस
शीट एक ऐसी रिपोर्ट होती है जिससे एक व्यापारी की किसी विशेष तिथि को सम्पति एंव
देयधन की संपूर्ण जानकारी ली जा सकती है | इसका उदेश्य एक निश्चित समय
में कंपनी के मालिक की सही financial
condition बताना है ताकि वो भविष्य में अपनी कंपनी
के आगे के काम को निर्धारित कर सके।
Balance
Sheet में दो पक्ष होते है जिसमे बायें पक्ष को Capital And Liabilities (पूंजी व दायित्व पक्ष) कहा जाता है तथा दायें पक्ष को Assets And Properties (सम्पत्ति व जायदाद) कहा जाता हैं।

इस
शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित तरह की पूंजी को दिखाया जाता है –
इस
शीर्षक के अंतगर्त निम्नलिखित तरह के लाभों को लिखा जाता है –
इस
शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित तरह के दायित्वों को दिखाया जाता है –
इस
शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित अल्पकालीन दायित्वों को लिखा जाता है –
इस
शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधानों को लिखा जाता है –
जिस
सम्पत्ति में बराबर परिवर्तन नहीं होता है, उसे इस शीर्षक के अंतर्गत
दिखाया जाता है। इसमें आने वाले मदों का नाम इस प्रकार है –
जिस
संपत्ति में बराबर परिवर्तन होता रहता है, उसे इसमें दिखाया जाता है।
इसके मदों का निम्नलिखित नाम है –
इस
शीर्षक के अंतगर्त अवास्तविक सम्पतियों को दिखाया जाता है। कुछ खर्च एवं हानियों
को तत्काल सम्पत्ति के रूप में दिखाया जाता है परन्तु धीरे-धीरे इसे P/L Account में जाकर समाप्त कर दिया जाता है। निम्न मदों को इसमें दिखाया
जाता है –
Profit and loss Account
(लाभ-हानि खाता )
किसी कंपनी में वर्ष के अंत में
सभी खर्चो की आपूर्ति के बाद होने वाले profit
या loss को निर्धारित करने के लिए जो account
तैयार
किया जाता है उसे Profit And Loss Account कहा जाता है। profit and loss account बनाने का प्रमुख उद्देश्य
व्यवसाय के शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि की जानकारी प्राप्त करना है। क्योंकि व्यापारी
का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है |
Profit
and loss अकाउंट
में दो पक्ष होते है एक डेबिट पक्ष और दूसरा क्रेडिट पक्ष | डेबिट पक्ष में व्यापार के सभी अप्रयक्ष व्यय (Indirect
expenses) लिखे जाते
है तथा क्रेडिट पक्ष में समस्त अप्रत्यक्ष आय (Indirect
income) लिखी जाती
है | इसके बाद दोनों पक्षों का योग लगाया जाता है,अगर डेबिट साइड का योग क्रेडिट से कम होता है तो लाभ होता है, जिसे शुद्ध लाभ (Net Profit) कहा जाता है। और यदि क्रेडिट साइड का योग कम होता है तो हानि होती है, जिसे शुद्ध हानि (Net Loss) कहा जाता है।

Profit And Loss
Account के Debit Side में
निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है-
1. Office Expense (कार्यालय
व्यय ) :कार्यालय से सम्बंधित खर्चों को Office Expense कहा
जाता है। Office Expense में
निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है –
2. Selling Expenses (विक्रय
व्यय ) : विक्रय
से सम्बंधित खर्चों को Selling Expenses कहा
जाता है। Selling Expenses में
निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है –
3. Other Expenses (अन्य )
: कार्यालय
एवं विक्रय से सम्बंधित खर्चों के अतिरिक्त होने वाले खर्चों को Other Expenses कहा
जाता है।Other Expenses में
निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है –
4. Losses (हानियाँ)
: धन में
होने वाली क्षति को Losses कहा जाता है । Losses में
निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है-
5. Expected Losses (संभावित
हानियाँ) : भविष्य
में होने वाले हानियों को Expected Losses कहा
जाता है। Expected Losses में
निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है –
Profit And Loss
Account के Credit Side में
निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है –
1. Gross Profit ( सकल
लाभ)
2. Incomes (आमदनी )
Incomes में निम्नलिखित मदों
को शामिल किया जाता है :
Profit and loss
account in Tally
Tally में profit and loss account को
देखने के लिए gateway
of tally के अंतर्गत profit and loss option display होता
है। इस option को “P ” शॉर्टकट
के द्वारा open भी कर
सकते है या फिर भी profit
and loss option को select करके enter करते है
,जिससे profit and loss statement display
होता है।
Profit and loss statement को
डिटेल में देखने के लिए Alt+F1 शॉर्टकट
की का इस्तेमाल करते है।profit and loss के
द्वारा opening stock,
closing stock, sales, purchase, gross profit ,gross loss ,indirect expense
,Direct expense ,Net profit ,net loss etc. की information प्राप्त
की जा सकती है |
इस statement के
द्वारा व्यापारी व्यापार में profit and loss की
जानकारी और स्टॉक की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है। इस statement में हम
यदि किसी special period के लिए profit and loss देखना
चाहते है तो F12 option के
द्वारा profit and loss को vertical profit format में show कर सकते
है।

How to display profit and loss
a/c in tally
Gateway of tally→ profit
and loss → Display
Ratio Analysis
वित्तीय विश्लेषण के लिए ratio analysis एक शक्तिशाली उपकरण है। किसी फाइनेंशियल
स्टेटमेंट का सार्थक विश्लेषण करना रेशियो के उपयोग से ही संभव होता है। ratio आकड़ो का एक ऐसा सेट होता है जिनकी तुलना दूसरे सेट से की जाती है |
यहाँ ऐसे अनेक ratio होते है जिनकी गणना फाइनेंशियल स्टेटमेंट में सिंगल सेट से की जा सकती है। ratio की गणना उस उदेश्य पर आधारित होती है जिसके लिए इन ratio की आवश्यकता है। कभी कभी singal ratio भी कुछ जानकारी दे सकता है
परन्तु व्यापक विश्लेषण करने के लिए आपस में सम्बंधित ratio के सेट को विश्लेषित किये जाने की आवश्यकता होती है।
टैली
द्वारा कंपनी के प्रदर्शन का विश्लेषण करने में Ratio analysis यूजर की
सहायता की जाती है। ratio analysis रिपोर्ट
सभी प्रमुख ratios की
जानकारी और साथ ही संचनात्मक लागत आकड़ो, कार्यशील
पूँजी पर return इत्यादि
जैसी जानकारियाँ भी प्रदान करती है ,जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने में प्रबंधन के उपयोग हेतु
बल्कि साथ ही banks
इत्यादि जैसी बाह्य एजेंसीस के लिए भी उपयोगी जानकारी प्रदान
करने में सहायता की जाती है |
टैली
में ratio analysis एक
रिपोर्ट होती है जो कंपनी द्वारा व्यापर की financial condition की जानकारी
को प्राप्त करने के लिए बनाई जाती है यह एक short term report होती है
|
Ratio analysis in tally
Gateway of tally में ratio analysis नाम से
एक option होता है
जिसका प्रयोग करके हम रिपोर्ट को ratio के रूप में देख सकते
है। टैली में इस ऑप्शन का प्रयोग फाइनेंशियल कंडीशन की जानकारी को प्राप्त करने के
लिए किया जाता है |
यह एक short term report होती
है। Gateway of tally में ratio analysis नाम से
एक option होता
है। जिसका प्रयोग करके हम रिपोर्ट को ratio के रूप में देख सकते
है |
जब हम Gateway of tally के
अंतर्गत इस option को enter करते है
तो ratio analysis
window display होती है इसकी shortcut key “R” होती है
|
जब यह display होती है
तो कंपनी की सारी detail
display हो जाती है। इस रिपोर्ट में 2 part होते है
एक पार्ट में amount
show होती है तथा दूसरे पार्ट में ratio show होती है
| इस
रिपोर्ट को हम प्रिंट भी करा सकते है मुख्यतः इस रिपोर्ट का प्रयोग gross profit ratio ,net profit
ratio को जानने के लिए किया जाता है इसके अलावा इस रिपोर्ट
में कई सारी व्यवसायिक जानकारी होती है।
Gateway of tally → Ratio analysis

Ratio analysis ऑप्शन
पर क्लिक करने पर निम्नानुसार विंडो ओपन होती है |

Trial balance
जब किसी कंपनी में लेंन-देंन
होता है तो उन लेन-देन को जनरल में लिखा जाता है और फिर जनरल से समस्त बैलेंस के
लेन-देन की ledger में पोस्टिंग की जाती है | लेकिन पोस्टिंग के बाद ये जानना आवश्यक होता है की ledger में की गई पोस्टिंग सही है या नहीं। यह जांच करने के उद्देश्य से एक लिस्ट
बनाई जाती है जिसे trial balance कहते है।
Trial
का अर्थ
जाँच से होता है तथा Balance का अर्थ शेष से होता है लेजर में
जो शेष आता है वह सही है या नहीं इसे जाँचने के लिए जो अकाउंट तैयार किया जाता है
उसे Trial Balance कहा जाता है । Trial balance फाइनेंशियल ईयर के अन्त में अथवा अन्य किसी निश्चिंत तारीख पर बनाया जाता है | Trial Balance, लेज़र में खोले गए खातों के शेषों की वह सूची
है जो इस जाँच-पड़ताल के लिए बनायी जाती है कि क्या वास्तव में डेबिट योग क्रेडिट
योग के बराबर है। ट्रायल बैलेंस के उपलब्ध रहने से final
account बनाने में
सहायता मिलती है। ट्रायल बैलेंस अकाउंट का स्टेटमेंट होता है, जो लेज़र में क्रेडिट व डेबिट के आइटमों की या तो कुल राशि या बैलेंस दर्शाता
है।
ट्रायल
बैलेंस ledger में
जनरल की एंट्री को रिकॉर्ड करने व अकाउंट का बैलेंस निकालने के लिए तैयार किया
जाता है। सभी डेबिट की एंट्री को एक तरफ व सारी क्रेडिट की एंट्री को दूसरी तरह
लिखा जाता है। ट्रायल बैलेंस की डेबिट साइड का जोड़ क्रेडिट साइड के जोड़ के बराबर
होना चाहिए। यदि डेबिट का टोटल क्रेडिट के बराबर नहीं होता है तो निश्चित रूप से
कोई गलती ledger account में रह
गई है। ट्रायल बैलेंस इस प्रकार की error का पता लगाने वाला
एक टूल है।

accounting period के अंत
में तीन trial balance तैयार
किये गए है।
Features of Trial Balance
कास्ट
सेण्टर ,लेज़र और ग्रुप ब्रेकअप
(Cost Center,Ledger and Group Breakup)
कॉस्ट
सेंटर ब्रेकअप
(Cost Center Breakup)
कॉस्ट सेंटर ब्रेकअप के द्वारा
वो लेजर शो किये जाते है जो वाउचर में उपयोग किये जाते है, इसके दौरान सारे ट्रांसक्शन उनके बैलेंस शो कराते है, इस ऑप्शन के दौरान कॉस्ट सेंटर डिटेल शो होती है |
इस ऑप्शन को use करने के लिए टैली के अंतर्गत Gateway of
Tally →Display → Statement of account →Cost Center →Cost Center Breakup पर जाना होगा |
Gateway of Tally

Display

Statement of Account

कॉस्ट
सेंटर की लिस्ट से कॉस्ट सेंटर को सेलेक्ट कर एंटर की प्रेस करके कॉस्ट सेंटर
ब्रेकअप विंडो ओपन हो जाती है | Alt+F1 key press करने पर
डिटेल ब्रेकअप रिपोर्ट डिस्प्ले हो जाती है |
लेजर
एंड ग्रुप ब्रेकअप (Ledger and Group Breakup)
लेजर
एंड ग्रुप ब्रेकअप ऑप्शन के द्वारा हम लेजर एंड ग्रुप ऑप्शन का ब्रेकअप कर सकते है
वह कॉस्ट सेंटर ग्रुप का व्यू होता है जिसके द्वारा यूजर अलग-अलग कॉस्ट सेंटर के
बीच लेजर को डिवाइड कर उसकी डिटेल कर सकता है |
लेज़र
ब्रेक-अप शो करने के लिए Gateway of Tally के
अंतर्गत Display →
statement of account →Cost Center → ledger breakup |
ग्रुप ब्रेक-अप
को शो करने के
लिए Gateway of
Tally के अंतर्गत Display → Statement of
account →Cost Center→Group breakup |
इस रिपोर्ट
के द्वारा निश्चित किये गए ग्रुप के लिए सभी कॉस्ट सेंटर की समरी को डिस्प्ले किया
जाता है | इसके
द्वारा यूजर अलग-अलग कॉस्ट सेंटर के बीच ग्रुप के डिवाइ के
डिटेल को दिखता है |
उदाहरण:
जैसे Indirect एक
ग्रुप है यदि हम Indirect
एक्सपेंस ग्रुप की डिटेल को देखना चाहते है | तो Alt+F1 key का
प्रयोग करते है इस रिपोर्ट में हम यह देख सकते है कि प्रत्येक कॉस्ट सेंटर में
कितना खर्चा और आय हुई है |
Cash Flow and Fund Flow
(कैश फ्लो और फण्ड फ्लो क्या है)
Cash Flow
कैश एंड फण्ड फ्लो से आशय एसेट्स
और लाइबिलिटी के विभिन्न स्वरूपों में रिसोर्सेज के संचालन को सूचित किया जाता है |
कैश फ्लो स्टेटमेंट का प्रदर्शन
: कैश फ्लो किसी एकाउंटिंग अवधि के
दौरान नकदी का अन्तः प्रभाव और बर्हिप्रभाव होता है | कैश फ्लो स्टेटमेंट उन ट्रांजैक्शन पर ही केंद्रित होता है जो नकदी पर सीधा प्रभाव डालने वाले होते हैं | यह दो बैलेंस शीट दिनांकों के
मध्य कैश के इन -फ्लो और ऑउटफ्लो के साथ कार्य करता है | इसका अर्थ है कि यह दो अवधियों के मध्य कैश की स्थिति में होने वाले
परिवर्तनों की व्याख्या करता है यहां कैश शब्द को नकद और बैंक बैलेंस के लिए प्रयुक्त किया जाता है |
कैश
फ्लो स्टेटमेंट को रिसीप्ट और पेमेंट स्टेटमेंट के रूप मे भी प्रयुक्त किया जा
सकता है | यह
विशेष रूप से गैर लाभकारी संगठनों जैसे व्यवसायों के लिए उपयोगी होता है। जहाँ पर
रिसीप्ट और पेमेंट स्टेटमेंट उत्पन्न किये जाने की आवश्यकता होती है |
How to display Cash Flow
कैश
फ्लो देखने के लिए Gateway
of Tally →Display →Cash/Funds Flow →Cash Flow पर जाये
| कैश
फ्लो स्टेटमेंट प्रदर्शित कर दिया जायेगा | अवधि
परिवर्तित करने के लिए Alt+F2 को दबाये | तिमाही
कैश फ्लो के लिए हम लिस्ट से Quarterly को भी सिलेक्ट कर
सकते हैं |

फंड
फ्लो स्टेटमेंट का प्रदर्शन : फंड फ्लो स्टेटमेंट
ऐसी रिपोर्ट होता है जो किसी एकाउंटिंग अवधि के दौरान फंड्स के आदान-प्रदान की
व्याख्या करती है इस स्टेटमेंट में दो भाग शामिल होते हैं :
इन दोनो
के मध्य का अंतर किसी अवधि के दौरान कार्यशील पूंजी में होने वाले शुध्द परिवर्तन
को दर्शाता है केवल वे ही ट्रांसेक्शन इस स्टेटमेंट में स्थान पता है जो फर्म की
शुद्ध कार्यशील पूंजी को प्रभावित करता है |फण्ड
फ्लो स्टेटमेंट वस्तुतः दो प्रमुख वित्तीय स्टेटमेंट के लिए एक पूरक होता है जबकि
पोजीशन स्टेटमेंट को पूरक किये जाने पर यह उन सोर्सेज की
व्याख्या करता है जिससे अतिरिक्त फण्ड को उत्पन्न किया गया था और जिसके लिए इन
फंड्स को प्रयुक्त किया गया था | जिन ट्रांसेक्शन की वजह से कार्यशील पूंजी में वृद्धि
होती है वे फंड्स के सोर्सेज होते है और जिन ट्रांसेक्शन की वजह से कार्यशील पूंजी
में कमी आती है वे फंड्स के एप्लीकेशन होते है |
How to display Fund Flow
फण्ड
फ्लो को देखने हेतु Gateway
of Tally →Display →Cash/Funds Flow →Funds Flow पर जाये
| अवधि
में परिवर्तन करने के लिए Alt+F2 दबाये | सिलेक्ट
किये गए माह का फण्ड फ्लो देखने के लिए हमे F1: Detailed को
सिलेक्ट करना होता है |

Day Book किसी Particular
Day के
सभी Transactions की List होती है | टैली में हमने accounting
voucher में
जिन transaction की entry की है अगर हम उन्हें देखना
चाहते है तो इसके लिए Day book का प्रयोग कर सकते है |
Day book के द्वारा यूजर Date
wise या
किसी particular day की एंट्री को आसानी से देख सकता है | अगर यूजर एक साथ
किसी निश्चित समय की सारी एंट्री देखना चाहता है तो इस ऑप्शन के द्वारा देख सकता
है |
Day Book
में सभी Vouchers
की Entries देखी जा सकती है जैसे- Accounting Vouchers, Reversing and Memorandum Vouchers,
Journal तथा Inventory Vouchers आदि।
How to Display Day book
Gateway
of Tally→ Display→ Day Book

How to Display List of account in Tally
(टैली में लिस्ट ऑफ़ एकाउंट्स कैसे देखते है)
List of accounts
Tally
में आप
अनेक अकाउंट बनाते है जिसमें आप हर एक
लेन-देन (Transaction) को रिकॉर्ड करते है | इन सभी लेन-देन (Transaction) या इन सभी अकाउंट्स को एक साथ देखने के लिए list
of account option का प्रयोग किया जाता है। इस ऑप्शन के द्वारा आप अपनी कंपनी के अकाउंट की
इनफार्मेशन उनके मुख्य ग्रुप के साथ देख सकते है।
List of accounts देखने
के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करेंगे |
Gateway of tally →Display →List
of account


·
Reversing Journal (F10)
·
इस एंट्री का प्रभाव सीधे अकाउंट पर नही होता | कई बार कुछ ट्रांजक्शन के असर को
प्रयोगात्मक रूप में देखने के लिए इस वाउचर का प्रयोग होता है | इस वाउचर में कि जाने वाली एंट्रीज का असर विशेष पीरियड के लिए ही होता है और
हम उस पीरियड पर ही इसका प्रभाव देख सकते है | इस पीरियड के बाद इस वाउचर टाइप
के सभी एंट्रीज रिवर्स हो जाती है |
·

·
नोट: इस वाउचर टाइप को एक्टिव करने के लिए वाउचर
एंट्री स्क्रीन पर F11
प्रेस करे और Use Reversing Journals & Optional Vouchers option में Yes दे |
·
Memo
voucher (F10)
·
मेमो वाउचर एक नॉन एकाउंटिंग वाउचर है और इसमें की
गयी एंट्री का असर किसी भी रिपोर्ट पर नहीं होता | इस
वाउचर में याददाश्त के लिए एंट्री की जाती है | यह
एंट्रीज एक अलग मेमोरी रजिस्टर में स्टोर होती है | आप इन
मेमोरी वाउचर को रेगुलर वाउचर में कन्वर्ट कर सकते है | जब आप
भविष्य में होने वाले खर्च के लिए प्रावधान करना चाहते है, लेकिन
भूलने की संभावना होती है, तो यह वाउचर टाइप सिलेक्ट करे |
·
उदाहरण के लिए जब आपने किसी एम्प्लाई को कुछ आइटम
खरीदने के लिए कैश देते है, जिसकी सही किमत आपको मालूम नही है | तो बजाय
दो एंट्रीज करने के,
जिसमें से एक petty cash advance और
दूसरी बची नकदी की वापसी , आप इस एंट्री को मेमोरी में करे और बाद में इस वास्तव
में खर्च अमाउंट की ही एंट्री पेमेंट वाउचर में करे|
·

·
Post
Dated voucher
·
इस वाउचर का भविष्य की एंट्रीज के लिए ही उपयोग हाता
है | लेकिन
मेमोरी वाउचर के विपरीत, यह एंट्रीज अपने आप दी गई तारीख पर रेगुलर एंट्रीज
में कन्वर्ट हो जाती है | रेगुलर होने वाले ट्रांजक्शन के लिए यह वाउचर टाइप
उपयोगी है |
·
Example अगर आप
हर महीने की 10 तारीख
पर किराया भुगतान करते है, तो आपpost dated voucher टाइप
में यह सभी एंट्रीज को करे और फिर हर महीने की 10 तारीख
को यह एंट्रीज ऑटोमेटिक रेगुलर एंट्री में कन्वर्ट होगी | Ctrl+T प्रेस
करके आप Post Dated Voucher टाइप को
सिलेक्ट करे सकते है |
·
·

·
Optional
voucher
·
ऑप्शनल वाउचर किसी भी वाउचर का प्रकार नही है | सभी
वाउचर (non-accounting
vouchers को छोड कर ) को वाउचर एंट्री करते समय ऑप्शनल मार्क
करे सकते है | ऑप्शनल
वाउचर एक नॉन एकाउंटिंग वाउचर है, यानी इसमें किए गए सभी वाउचर एंट्रीज का असर अकाउंट
बैंक पर नही होगा|
टैली ERP 9 इन एंट्रीज को लेजर
में पोस्ट नही करता |लेकिन इसको अलग ऑप्शनल रजिस्टर में स्टोर करके रखता
है | आप
इनमें changes कर सकते
है और जब चाहे तब इन ऑप्शनल वाउचर को रेगुलर वाउचर में कन्वर्ट करे सकते है |
·
उदाहरण के लिए आप 50,000 / – की
मशीनरी के लिए अगले महीने में खर्च करना चाहते है, लेकिन
इस वाउचर के साथ आज ही रिपोर्ट देखना चाहते है | तो आप
एंट्री करते समय इस ऑप्शन को मार्क कर सकते है | फिर जब
आप इस ऑप्शनल वाउचर के साथ रिपोर्ट देखोगे तो इसका इफेक्ट आप देख सकते है |
·
·

·
Stock Group
·
Create Stock Group :- Stock Group को Create
करने के
लिए Inventory Information Option का प्रयोग किया जाता हैं जब हम
किसी भी Stock Group को Create करना चाहते हैं तो Gateway of tally के अंर्गत Inventory Information नाम से एक option मिलता हैं इसे हम “I” Key को Press कर Open सकते हैं या फिर Inventory Information को Select and enter key press करते हैं।
·

·
जिससे inventory information option का sub menu display हो जाता
हैं इस menu में 5 option रहते
हैं। जैसे Stock Group, Stock
Item, Voucher Type, Unit of Measure, Quit .
·

·
इन Option में Stock group को select कर enter key press करते
हैं जिससे stock group
creation window display होती हैं।
·
' alt="Image result for STOCK GROUP"
class=aligncenter v:shapes="_x0000_i1047">
·
इस window में सबसे पहले stock group का name और under option को fill करेगे। stock group creation window में inventory के
अंतर्गत आने वाली stock
item को classify कर सकते हैं।
·
उदाहरण:- यदि हम
किसी Television company में
अलग-अलग Brand के Television बेचते
हैं तो सभी Brand के नाम
अलग -अलग होते हैं लेकिन सभी का Group Television होता
हैं।
·
इस ऑप्शन का use व्यापार
में प्रयोग होने वाले main stock की entry करने के
लिए किया जाता हैं|
·
Gateway
of Tally
·
↓
·
Inventory
info
·
·
↓
Stock group
·
↓
Single stock group
·
↓
Stock name
·
↓
Under group – Primary
·
↓
Accept
·
Alter Stock Group
·
Tally में यदि हम पहले से बने हुए किसी
भी stock group में modify करना चाहते हैं तो इस option का प्रयोग करते हैं |
·

·
Alter करने के
लिए “A” Key
Press करते हैं |
·

·
इन window में हम आवश्यकतानुसार
Change कर सकते
हैं।
·
Gateway of Tally
·
↓
Inventory info
·
↓
Stock group
·
↓
Stock group Alteration
↓
·
Changes
·
↓
·
·
Accept
May
28, 2018
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Tally में पहले से बने
हुए Stock group को display करने के लिए display
group option का
प्रयोग किया जा सकता हैं|

इसके
लिए “D” Key को प्रयोग कर List of
Group को दिखाया जा सकता हैं। यदि हमे किसी भी Stock item की detail में information
की आवश्यकता हैं तो उसे group को select कर enter key press करते हैं |जिससे उस group की detail
information display हो जाती हैं।
![]()
Stock items are
the primary inventory entity, like Ledgers. Usually,it means Item or
Product, which can be buying, selling.
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock Group
↓
Display
↓
Select
Stock Group
Tally में Stock
item का
प्रयोग किसी भी stock से related entry करने के लिए किया जाता हैं। stock
item को
create करने के लिए Gateway of tally के अंतर्गत inventory
information नामक
Option का प्रयोग किया जाता हैं। इस Option को Select कर enter
key press करने
पर Inventory Information Display होगी।

इस window में हम
stock item को create कर सकते हैं इस window
में कई तरह के Option
रहते हैं जैसे –
Stock group, Stock item, Voucher type, Unit of Measure, Quit । इन Option में Stock
item को select कर enter key press करते हैं।

इन Option में से
Stock item को select कर enter
key press करते हैं। या “I” key press करने पर भी stock
item window display इस window में single stock item option पर क्लिक करते है ,इसके बाद Create
Option पर click करते हैं।

यदि हम
single stock item create करते हैं तो यह stock
item creation window display होगी।

इस window में
सबसे पहले Name option रहता हैं जिसमें हम किसी भी stock item का नाम fill करते हैं यदि उसका कोई part no. है तो
उसे भी यहां show किया जाता हैं। इसके बाद under option में पहले से बने हुए unit को select करते
हैं। इसके बाद में opening
balance option रहता हैं। यदि company के पास
कोई opening balance हैं तो उसकी Quantity,
Rate,Value को fill करते हैं|
Stock
item creation करने से पहले unit of measure एवं stock
group बनाना आवश्यक होता हैं क्योकि इसके बिना
stock item को create नहीं किया जा सकता।
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Create single / multiple stock item
↓
Stock item name
↓
Under group
↓
Unit
↓
Quantity
↓
Rate
Tally में पहले से बनी हुई stock item को modify करने के लिए alter
stock item option का प्रयोग किया जाता हैं इस option के
द्वारा stock item को हम modify कर सकते हैं। gate way
of tally के अंतर्गत inventory information = Stock item = Alter । इस process के द्वारा stock
item को modify किया
जाता हैं। इस option में stock
item का name, under, unit, opening balance को change किया जा सकता हैं।
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Stock Item Alteration
↓
Changes
↓
Accept
Tally में पहले से बने हुए stock item को एक साथ display करने के लिए इस Option
को प्रयोग किया जाता हैं। इस Option के
द्वारा Stock item list display होती हैं इस list में किसी particular
stock item की detail भी show हो सकती हैं लेकिन इसे हम modify नही कर
सकते। stock item को display करने के लिए Gate way
of tally के अंतर्गत inventory information – Stock item – Display
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Stock Item Display
इस Process के द्वारा हम Stock
item list को display करा
सकते हैं।
Stock Summary एक Statement
है
जो की किसी Particular Date पर Stock in hand की स्थिति बताता
है। Stock Summary के द्वारा हम किसी भी Product के Closing
Stock की
जानकारी ले सकते है अर्थात् हमारे पास किसी Product के कितने पीस बचे
हुए है उनकी Rate तथा Quantity कितनी है आदि सभी जानकारी प्राप्त कर सकते है |
स्टॉक समरी Primary
listing details में
से एक है जो कि टैली में उत्पन्न होता है ,और लेन-देन दर्ज
होने पर वास्तविक समय में स्टॉक रिकॉर्ड अपडेट करता है। टैली में इस ऑप्शन का
प्रयोग स्टॉक की डिटेल जानने के लिए किया जाता है |
गेटवे
ऑफ़ टैली के अंतर्गत स्टॉक समरी ऑप्शन होता है ,इस ऑप्शन को सेलेक्ट कर
एंट्री के प्रेस करने पर यह डिस्प्ले हो जाता है | इसकी shortcut key S है स्टॉक समरी विंडो डिस्प्ले होने पर बिज़नेस में उपस्थित स्टॉक
क्वांटिटी ,रेट ,क्लोजिंग वैल्यू आदि इनफार्मेशन प्राप्त होती है |
यदि हम
किसी भी पर्टिकुलर स्टॉक आइटम की डिटेल शो करना चाहते है, तो उस स्टॉक आइटम को सेलेक्ट
कर एंट्री को प्रेस करते है जिससे उस particular
आइटम की डिटेल शो हो जाती है| स्टॉक
समरी विंडो में स्टॉक आइटम project
print ,email etc. option का
प्रयोग कर सकते है |
How
to Display Stock Summary
Gateway
of Tally →Stock Summary
स्टॉक
से सम्बंधित जानकारी देखने के लिए गेटवे ऑफ़ टैली में स्टॉक समरी ऑप्शन पर
क्लिक करते है |

Stock
Summary पर क्लिक करने पर निम्नानुसार विंडो
डिस्प्ले होगी |

इस विंडो में स्टॉक से सम्बंधित समस्त जानकारी होती
है |
Tally में Stock
item का
प्रयोग किसी भी stock से related entry करने के लिए किया जाता हैं। stock
item को
create करने के लिए Gateway of tally के अंतर्गत inventory
information नामक
Option का प्रयोग किया जाता हैं। इस Option को Select कर enter
key press करने
पर Inventory Information Display होगी।

इस window में हम
stock item को create कर सकते हैं इस window
में कई तरह के Option
रहते हैं जैसे –
Stock group, Stock item, Voucher type, Unit of Measure, Quit । इन Option में Stock
item को select कर enter key press करते हैं।

इन Option में से
Stock item को select कर enter
key press करते हैं। या “I” key press करने पर भी stock
item window display इस window में single stock item option पर क्लिक करते है ,इसके बाद Create
Option पर click करते हैं।

यदि हम
single stock item create करते हैं तो यह stock
item creation window display होगी।

इस window में
सबसे पहले Name option रहता हैं जिसमें हम किसी भी stock item का नाम fill करते हैं यदि उसका कोई part no. है तो
उसे भी यहां show किया जाता हैं। इसके बाद under option में पहले से बने हुए unit को select करते
हैं। इसके बाद में opening
balance option रहता हैं। यदि company के पास
कोई opening balance हैं तो उसकी Quantity,
Rate,Value को fill करते हैं|
Stock
item creation करने से पहले unit of measure एवं stock
group बनाना आवश्यक होता हैं क्योकि इसके बिना
stock item को create नहीं किया जा सकता।
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Create single / multiple stock item
↓
Stock item name
↓
Under group
↓
Unit
↓
Quantity
↓
Rate
Tally में पहले से बनी हुई stock item को modify करने के लिए alter
stock item option का प्रयोग किया जाता हैं इस option के
द्वारा stock item को हम modify कर सकते हैं। gate way
of tally के अंतर्गत inventory information = Stock item = Alter । इस process के द्वारा stock
item को modify किया
जाता हैं। इस option में stock
item का name, under, unit, opening balance को change किया जा सकता हैं।
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Stock Item Alteration
↓
Changes
↓
Accept
Tally में पहले से बने हुए stock item को एक साथ display करने के लिए इस Option
को प्रयोग किया जाता हैं। इस Option के
द्वारा Stock item list display होती हैं इस list में किसी particular
stock item की detail भी show हो सकती हैं लेकिन इसे हम modify नही कर
सकते। stock item को display करने के लिए Gate way
of tally के अंतर्गत inventory information – Stock item – Display
Gateway of Tally
↓
Inventory info
↓
Stock item
↓
Stock Item Display
इस Process के द्वारा हम Stock
item list को display करा
सकते हैं।
Inventory books in Tally
Sales order book
सेल्स ऑर्डर बुक किसी वित्तीय
वर्ष के दौरान किए जाने वाले सभी सेल्स ऑर्डर का रिकॉर्ड होता है इसे देखने के लिए
निम्न स्टेप्स को फॉलो करे |
Gateway of Tally→Display→Inventory Books→Sales Orders
Book




Purchase order book
परचेस
ऑर्डर बुक किसी वित्तीय वर्ष के दौरान किए जाने वाले सभी परचेस ऑर्डर का रिकॉर्ड
होता है इसे देखने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display→Inventory Books → Purchase Orders Book
Stock transfer
इस
रिपोर्ट द्वारा स्टाक जनरल वाउचर का उपयोग करते हुए
की जाने वाली एंट्री को प्रदर्शित किया जाता है | वाउचर
रजिस्टर प्रदर्शित करने के लिए वांछित माह पर एंटर दबाएं , यहां
वाउचर्स को दिनांक अनुसार सूचीबध्द किया जाता है स्टॉक ट्रांसफर देखने हेतु निम्न
स्टेप्स को फॉलो करे-
Gateway of
Tally→Display→Inventory Books→stock transfers

Physical stock
register
फिजिकल
स्टॉक वाउचर को किसी विशिष्ट स्टॉक आइटम का वास्तविक स्टॉक रिकॉर्ड करने के लिए
प्रयुक्त किया जाता है | इन्वेंटरी बहियो में वाउचर प्रविष्टि की दिनांक पर
उपलब्ध स्टॉक का वास्तविक बैलेंस दर्शाया जाता है तथा स्टॉक के अंतर को परिस्थिति
अनुसार आवक या जावक के रूप में स्वचालित रूप से जोड़ दिया जाता है| विसंगति
की वजह को फिजिकल स्टॉक जनरल वाउचर की नैरेशन फील्ड में दर्ज किया जाता है |
रिपोर्टिंग
अवधि के दौरान यह जाने वाले स्टॉक समायोजनों को यह रजिस्टर संक्षेपीकृत करता है
रजिस्टर में रिकॉर्ड किए गए स्टॉक विश्लेषण हमें विसंगतियों के कारणों पर एक
अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जिससे कि समय पर कार्यवाही करने की सुनिश्चितता रहे |
साधारण
शब्दों में कह सकते है – व्यापार में कभी -कभी वास्तविक
स्टॉक और इन्वेंटरी बुक में रिकॉर्ड किये गए स्टॉक में अंतर आ जाता है इसी
अंतर को दूर करने के लिए physical stock में
एंट्री की जाती है |
Physical stock देखने
के लिए निम्न
स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display>Inventory Books → Physical Stock Register
फिजिकल
स्टॉक रजिस्टर ऐसी लिस्ट प्रदर्शित करता है जो प्रत्येक माह में वाउचर की संख्या
दर्शाती है |

Stock Query
Stock query हमें
किसी आइटम के बारे में सभी इंफॉर्मेशन प्राप्त करने की अनुमति देती है यह किसी
आइटम के बारे में सभी अनिवार्य वर्तमान जानकारी को एक ही स्क्रीन पर प्रदर्शित
करती है जो कस्टमर के साथ आर्डर का मोलभाव करने में सहायता प्रदान करने हेतु
आवश्यक हो सकती है |
इसमें वैकल्पिक आइटम की लागत और मूल्य के विवरण भी होते है Stock query रिपोर्ट
देखने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display→Statement of Inventory→Stock query

Reorder status
रीआर्डर
स्टेटस हमें उपलब्ध स्टॉक , रीआर्डर लेवल ,न्यूनतम
रिआर्डर मात्रा और उसके आधार पर किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान द्वारा दिए जाने वाले
अगले आर्डर के बारे में जानकारी प्रदान करता है | यह
रिपोर्ट हमें समय पर सामग्रियों की खरीदी हेतु उपयुक्त निर्णय लेने में सहायता
करती है और कोई परचेस ऑर्डर दिया जाना है या नहीं, इस
संबंध में सभी आवश्यक जानकारी तत्काल ही उपलब्ध कराती है |
इन्वेंटरी रीआर्डर स्टेटस प्रदर्शित करने के लिए Gateway of
Tally→Display→ Statement of Inventory→Reorder Status पर जाएं
| List of Group से
ग्रुप को सेलेक्ट करें |
उसी की
विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए यूजर प्रासंगिक कॉलम को सिलेक्ट करने के
उपरांत आगे बढ़ सकता है | उदाहरण के लिए रीआर्डर लेवल कॉलम को सिलेक्ट किया
जाता है और मास्टर रिकॉर्ड में इतना रीआर्डर लेवल निर्दिष्ट किया गया है ,उसके
विश्लेषण हेतु आगे बढ़ा जा सकता है इसी तरह न्यूनतम रीआर्डर मात्रा, शुद्ध
उपलब्ध मात्रा इत्यादि के विश्लेषण संपन्न किए जा सकते हैं |

Inventory books in Tally
Sales order book
सेल्स ऑर्डर बुक किसी वित्तीय
वर्ष के दौरान किए जाने वाले सभी सेल्स ऑर्डर का रिकॉर्ड होता है इसे देखने के लिए
निम्न स्टेप्स को फॉलो करे |
Gateway of Tally→Display→Inventory Books→Sales Orders
Book




______________________
Purchase order book
परचेस
ऑर्डर बुक किसी वित्तीय वर्ष के दौरान किए जाने वाले सभी परचेस ऑर्डर का रिकॉर्ड
होता है इसे देखने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display→Inventory Books → Purchase Orders Book
Stock transfer
इस
रिपोर्ट द्वारा स्टाक जनरल वाउचर का उपयोग करते हुए
की जाने वाली एंट्री को प्रदर्शित किया जाता है | वाउचर
रजिस्टर प्रदर्शित करने के लिए वांछित माह पर एंटर दबाएं , यहां
वाउचर्स को दिनांक अनुसार सूचीबध्द किया जाता है स्टॉक ट्रांसफर देखने हेतु निम्न
स्टेप्स को फॉलो करे-
Gateway of
Tally→Display→Inventory Books→stock transfers

Physical stock
register
फिजिकल
स्टॉक वाउचर को किसी विशिष्ट स्टॉक आइटम का वास्तविक स्टॉक रिकॉर्ड करने के लिए
प्रयुक्त किया जाता है | इन्वेंटरी बहियो में वाउचर प्रविष्टि की दिनांक पर
उपलब्ध स्टॉक का वास्तविक बैलेंस दर्शाया जाता है तथा स्टॉक के अंतर को परिस्थिति
अनुसार आवक या जावक के रूप में स्वचालित रूप से जोड़ दिया जाता है| विसंगति
की वजह को फिजिकल स्टॉक जनरल वाउचर की नैरेशन फील्ड में दर्ज किया जाता है |
रिपोर्टिंग
अवधि के दौरान यह जाने वाले स्टॉक समायोजनों को यह रजिस्टर संक्षेपीकृत करता है
रजिस्टर में रिकॉर्ड किए गए स्टॉक विश्लेषण हमें विसंगतियों के कारणों पर एक
अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जिससे कि समय पर कार्यवाही करने की सुनिश्चितता रहे |
साधारण
शब्दों में कह सकते है – व्यापार में कभी -कभी वास्तविक
स्टॉक और इन्वेंटरी बुक में रिकॉर्ड किये गए स्टॉक में अंतर आ जाता है इसी
अंतर को दूर करने के लिए physical stock में
एंट्री की जाती है |
Physical stock देखने
के लिए निम्न
स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display>Inventory Books → Physical Stock Register
फिजिकल
स्टॉक रजिस्टर ऐसी लिस्ट प्रदर्शित करता है जो प्रत्येक माह में वाउचर की संख्या
दर्शाती है |

Stock Query
Stock query हमें
किसी आइटम के बारे में सभी इंफॉर्मेशन प्राप्त करने की अनुमति देती है यह किसी
आइटम के बारे में सभी अनिवार्य वर्तमान जानकारी को एक ही स्क्रीन पर प्रदर्शित
करती है जो कस्टमर के साथ आर्डर का मोलभाव करने में सहायता प्रदान करने हेतु
आवश्यक हो सकती है |
इसमें वैकल्पिक आइटम की लागत और मूल्य के विवरण भी होते है Stock query रिपोर्ट
देखने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे
Gateway of
Tally→Display→Statement of Inventory→Stock query

Reorder status
रीआर्डर स्टेटस
हमें उपलब्ध स्टॉक ,
रीआर्डर लेवल ,न्यूनतम रिआर्डर मात्रा और उसके आधार पर किसी
व्यावसायिक प्रतिष्ठान द्वारा दिए जाने वाले अगले आर्डर के बारे में जानकारी
प्रदान करता है |
यह रिपोर्ट हमें समय पर सामग्रियों की खरीदी हेतु उपयुक्त
निर्णय लेने में सहायता करती है और कोई परचेस ऑर्डर दिया जाना है या नहीं, इस
संबंध में सभी आवश्यक जानकारी तत्काल ही उपलब्ध कराती है |
इन्वेंटरी रीआर्डर स्टेटस प्रदर्शित करने के लिए Gateway of
Tally→Display→ Statement of Inventory→Reorder Status पर जाएं
| List of Group से
ग्रुप को सेलेक्ट करें |
उसी की
विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए यूजर प्रासंगिक कॉलम को सिलेक्ट करने के
उपरांत आगे बढ़ सकता है | उदाहरण के लिए रीआर्डर लेवल कॉलम को सिलेक्ट किया
जाता है और मास्टर रिकॉर्ड में इतना रीआर्डर लेवल निर्दिष्ट किया गया है ,उसके
विश्लेषण हेतु आगे बढ़ा जा सकता है इसी तरह न्यूनतम रीआर्डर मात्रा, शुद्ध
उपलब्ध मात्रा इत्यादि के विश्लेषण संपन्न किए जा सकते हैं |

Sales and Purchase Order Summary in Tally
(टैली में सेल्स और परचेस आर्डर समरी कैसे
देखे)
सेल्स आर्डर समरी (Sales order summary)
सेल्स आर्डर समरी किसी विशिष्ट
दिनांक पर सभी लंबित सेल्स ऑर्डर का रिकॉर्ड है | सेल्स आर्डर समरी देखने के लिए Gateway of Tally → Display → Statements of
Inventory → Sales Order Summary पर जाये |
1.सर्वप्रथम Gateway of Tally पर जाए |

2.Gateway of Tally के
अंतर्गत Report section में Display ऑप्शन
पर क्लिक करे,जिससे Display menu ओपन
होगा –

3.इस Display option के
अंतर्गत Statements of
Inventory Option पर क्लिक करे | जिससे
एक मेनू ओपन होगा इस मेनू में Sales order summary ऑप्शन
पर क्लिक करे, जिससे Sales Order Summary open होगी |

परचेस
आर्डर समरी (Purchase order summary)
परचेस
आर्डर समरी किसी विशिष्ट दिनांक पर सभी लंबित परचेस ऑर्डर का रिकॉर्ड है | सेल्स
आर्डर समरी देखने के लिए Gateway of Tally → Display → Statements of Inventory →
Purchase Order Summary पर जाये |
1.सर्वप्रथम
Gateway of Tally पर जाए |

2.Gateway of Tally के
अंतर्गत Report section में Display ऑप्शन
पर क्लिक करे,जिससे Display menu ओपन
होगा –

3.इस Display option के
अंतर्गत Statements of
Inventory Option पर क्लिक करे | जिससे
एक मेनू ओपन होगा इस मेनू में Purchase order summary ऑप्शन
पर क्लिक करे, जिससे Purchase Order Summary open होगी |

Statement of Inventory in Tally
Purchase Bill Pending
परचेस बिल पेंडिंग अपूर्ण
ख़रीदियो के सभी उल्लेखो को सूचीबध्द करता है ,जहां माल तो प्राप्त कर लिया
जाता है परंतु इनवॉइस पूर्णतः नहीं बनाए जाते है | यह प्राप्त की जाने वाली उन
इनवॉइस के उल्लेखों को भी सूचीबध्द करता है जिनसे माल प्राप्त नहीं किया गया है | इसे Set Tracking Numbers को Yes पर कॉन्फ़िगर करने पर बनाया जाता है और वाउचर एंट्री के दौरान प्रयुक्त किया
जाता है परचेस बिल पेंडिंग देखने हेतु निम्न स्टेप्स को
फॉलो करे
Gateway of Tally→Display→Statement of Inventory→ Purchase
Bill Pending

सेल्स
बिल पेंडिंग अपूर्ण विक्रय के सभी उल्लेखों को सूचीबध्द करता है | उदाहरण
के लिए माल की आपूर्ति तो कर दी जाए ,परंतु इनवॉइस पूर्णतः नहीं बनाए गए हो | यह उन
उल्लेखों को भी सूचीबध्द करता है जहां इनवॉइस तो बना दी जाती हैं प
Sales bill Pending
सेल्स
बिल पेंडिंग अपूर्ण विक्रय के सभी उल्लेखों को सूचीबध्द करता है | उदाहरण
के लिए माल की आपूर्ति तो कर दी जाए ,परंतु इनवॉइस पूर्णतः नहीं बनाए गए हो | यह उन
उल्लेखों को भी सूचीबध्द करता है जहां इनवॉइस तो बना दी जाती हैं परंतु माल की
आपूर्ति नहीं की जाती है |
इसे Set Tracking Numbers को yes पर
कॉन्फ़िगर करने पर बनाया जाता है और वाउचर एंट्री के दौरान प्रयुक्त किया जाता है
सेल्स बिल पेंडिंग देखने हेतु निम्न स्टेप्स को
फॉलो करे-
Gateway of
Tally→Display>Statement of Inventory→Sales bill pending

Exception report
Exception report को
असामान्य ट्रांजैक्शन या बैलेंस पर नजर रखने हेतु प्रयुक्त किया जाता है |
Gateway of
Tally→Display→Exception Report

Negative Stock
नेगेटिव
स्टॉक सभी स्टॉक आइटम की वह लिस्ट प्रदर्शित करता है जिनमे चयनित अवधि के अंत में
नेगेटिव बैलेंसस को आमतौर पर खरीदी द्वारा समायोजित किया जाता है जिससे की वह आइटम
अस्वीकृत कर दिया जाता है | कोई स्टॉक जो व्यापारी के पास समाप्त हो गया है लेकिन
फिर भी बेच
दिया नेगेटिव स्टॉक कहलाता है | नेगेटिव स्टॉक
रिपोर्ट देखने हेतु निम्नानुसार स्टेप्स को फॉलो करे |
Gateway
of Tally→Display→Exception Report→Negative Stock
Overdue Receivable and Payable
Overdue Receivable
यह ऐसे सभी सेल्स इन्वॉइसेस की
लिस्ट होती है जो निर्दिष्ट अवधि के बाद देय हो। इसे देखने के लिए Gateway of Tally →Display → Exception reports → Overdue
Receivables पर जाये




F12: Configuration को
सिलेक्ट करते हुए हम ओवर रिसीवेबल्स स्क्रीन को कॉन्फ़िगर कर सकते है |

Overdue Payable
यह ऐसे
सभी परचेस बिल्स की लिस्ट होती है जो किसी निर्दिष्ट अवधि के बाद से अतिदेय हो। Overdue payable देखने
के लिए Gateway of Tally
→Display → Exception Reports → Overdue Payable पर जाये
|
Overdue payable की
लिस्ट देखने के लिए ऊपर दी गई प्रोसेस को फॉलो करे |
Tally ,में cheque
को
प्रिंट करने के लिए cheque printing option का प्रयोग किया जाता है | यदि हम एक payment
voucher को
प्रिंट करते है जो कि बैंक से related है, तो cheque अपने आप print हो जायेगा |
Cheque printing option को एक्टिवेट करने
के लिए F11 function key का प्रयोग किया जाता है |F11
press करने
पर निम्न डायलॉग बॉक्स ओपन होगा |

इस
डायलॉग बॉक्स में Enable Cheque
printing ऑप्शन को Yes करेंगे |इस ऑप्शन में कंपनी का नाम और
बैंक का नाम सेलेक्ट करते है इसके बाद चेक की साइज को सेलेक्ट करते है किसी भी चेक
को प्रिंट करने के लिए Alt+P शॉर्टकट की का प्रयोग करते है चेक की साइज को सेलेक्ट करने के
लिए चेक प्रिंटिंग कॉन्फिग्रेशन ऑप्शन के द्वारा width of cheque ,high of cheque etc. को सेलेक्ट करते है।


Tally vault
डेटा सुरक्षा कंपनी के मालिक के
लिए चिंता का विषय है क्योकि किसी भी कंपनी का मालिक अपने कंपनी के डाटा को
सुरक्षित रखना चाहता है टैली वॉल्ट टैली में पहले से ही बनाई गई सुरक्षा सुविधा है
| टैली वॉल्ट लॉक की तरह है जो आपकी कंपनी का
नाम कंपनीज के नाम की लिस्ट में नहीं दिखाएगा, जिसके कारण आपकी कंपनी की डिटेल
किसी के द्वारा नहीं निकली जा सकती और उस सुविधा की सहायता से सुरक्षा को बनाये
रखा जा सकता है। जब आप अपनी कंपनी में इस ऑप्शन का चयन करेंगे, तो कंपनी का नाम स्टार(************ ) के रूप में दिखेगा | इस प्रकार, कंपनी की किसी भी डिटेल को कोई दूसरा व्यक्ति
नहीं देख पायेगा।
How to Enable Tally Vault Feature
कंपनी को क्रिएट करते समय यूजर
टैली वॉल्ट पासवर्ड एंटर कर सकते है या पहले से बनी हुई कंपनी में टैली वॉल्ट
पासवर्ड देने के लिए निम्नलिखित स्टेस को पूरा करना होता है |




How to open
encrypted company in Tally


सिक्यूरिटी
कण्ट्रोल किसी भी संगठन का एक ऐसा अनिवार्य हिस्सा है जिसकी अनुपस्थिति में कोई
कर्मचारी अनेक गैर जरुरी कार्यो को निष्पादित कर सकता है |
उदाहरण के लिए कोई
डेटा एंट्री ऑपरेटर मास्टर्स बना सकता है ट्रायल बैलेंस ,फाइनल अकाउंट
रेशियो एनालिसिस देख सकता है या महत्वपूर्ण जानकारी डिलीट कर सकते है | सिक्योरिटी को
नियंत्रिण करने हेतु कर्मचारी की प्रोफाइल को कार्य के आधार पर निर्धारित करने की
आवश्यकता होती है आमतौर पर किसी संगठन में एडमिनिस्ट्रेटर को सिस्टम के सम्पूर्ण
एक्सेस अधिकार दिए जाते है जबकि कर्मचारियों को कर्तव्यों की पृथकता दर्शाने वाली
उनकी वर्क प्रोफाइल के आधार पर अधिकार दिए जाते है
टैली में कंपनी को सिक्योर करने के दो तरीके है –
1.
Security Control- अगर हम चाहते है टैली में हमारी कम्पनी सुरक्षित रहे तो तो इसके
लिए हम security control feature enable कर सकते है | सिक्यूरिटी फीचर इनेबल करने के स्टेप्स निम्नलिखित है-
कंपनी को क्रिएट करते समय यूजर Security Control सेट कर सकते है ,और अगर यूजर ने कम्पनी क्रिएट करते समय कोई पासवर्ड सेट नहीं
किया है तब यूजर इसे बाद में भी सेट कर सकता है | पहले से बनी हुई कंपनी में
टैली Security Control देने के लिए निम्नलिखित स्टेस को पूरा करना होता है |
![]()
![]()

How to use security control option
Gateway
of Tally
|
Company
info (Alt+F3)
|
Create
|
Security
Control Yes
|
Administrator
Name
|
Password
|
Reapea
Password
|
Accept
What is Tally Audit
(टैली ऑडिट क्या है )
टैली ऑडिट
टैली ऑडिट द्वारा एडमिनिस्ट्रेटर
/ऑडिटर को उनकी पिछली समीक्षा के बाद से एकाउंट्स में होने वाले परिवर्तनों पर नजर
रखने की सक्षमता प्रदान की जाती है | दो क्षेत्रों के परिवर्तन महत्वपूर्ण
होते हैं-
केवल
मेटेरियल में होने वाले परिवर्तनों पर विचार किया जाता है अर्थात नैरेशन में किया
गया बदलाव ट्रांजैक्शन को प्रभावित नहीं करता है ,इसलिए
इसे परिवर्तन नहीं माना जाता है |
Enable Tally Audit Feature
हम
कंपनी क्रिएट करने के दौरान टैली ऑडिट फीचर को एक्टिवेट कर सकते है ,लेकिन
कंपनी पहले से ही बनाई जा चुकी है तब इस ऑप्शन को एक्टिवेट करने के लिए हम Company Alteration Mode का
प्रयोग करते है | टैली
ऑडिट फीचर को एक्टिवेट करने के लिए पहले हम यूज़ सिक्योरिटी कण्ट्रोल को एनेबल
करेंगे |
![]()
सिक्योरिटी
कण्ट्रोल को एनेबल करने के पश्चात् यूज़ टैली ऑडिट फीचर सब-फील्ड डिस्प्ले होगी।
वाउचर वॉल्ट फीचर को एनेबल करने के लिए
इस फील्ड को Yes पर सेट
कर दे |
Viewing Tally Audit Listings
ऑडिट
देखने के लिए हमें कपनी एडमिनिस्ट्रेटर यूजर नेम एवं पासवर्ड के साथ लोड करना
आवश्यक है | टैली
ऑडिट मेनू प्राप्त करने के लिए Gateway of Tally → Display →Statement of Account
→Tally Audit पर जाएं | टेली ऑडिट मेनू में दो विकल्प शामिल होते हैं –
वाउचर
ऑडिट लिस्ट देखने के लिए टैली ऑडिट मैन्यू में वाउचर पर एंटर दबाये | F12: Configure पर
क्लिक करे और Show
Entered /Altered By के लिए Yes दर्ज करे |
' alt="Image result for how to display tally audit listing" class=aligncenter
v:shapes="_x0000_i1052">
लिस्टिंग
में अब यूजर का नाम शामिल हो जायेगा | कर्सर बार को प्रासंगिक वाउचर पर रखे और F7: Accept One पर
क्लिक करें | यह उस
वाउचर को वेलिड के रूप में स्वीकार कर लेगा तथा लिस्ट से हटा देगा | यहाँ पर
एक F7:Accept All विकल्प
भी होता है | यदि हम
संतुष्ट है ,सभी
वाउचर वेलिड है तो इस विकल्प पर क्लिक करते है |
लेजर
ऑडिट लिस्ट देखने के लिए टैली ऑडिट मेनू में लेजर्स पर एंटर दबाये | यहाँ भी
किसी एंटी को ऑडिट करने हेतु F7: Accept One का अथवा
सभी एंट्रीज को ऑडिट करने के लिए F7: Accept All का
प्रयोग करे |
Backup and Restore
कंप्यूटर पर डाटा विभिन्न प्रकार
के थ्रेट्स की दृष्टि से असुरक्षित होता है और किसी भी खो चुके डेटा को पुनः
प्राप्त नहीं किया जा सकता है ,इसलिए बैकअप लेते हुए डाटा को
अन्य लोकेशन पर संग्रहित करने की आवश्यकता होती है और जब हमें उसकी जरूरत होती है
तब उसे पुनः रिस्टोर कर दिया जाता है |
Backup of data
Tally
में ऐसा
अनुकूलनीय बैकअप मैकेनिज्म होता है जिसमें हम किसी भी स्टोरेज मीडियम से डाटा के
बैकअप को वर्चुअली अन्य किसी भी मीडिया में ले सकते हैं या तो लोकली अथवा नेटवर्क
पर इंस्टॉल किये गए Hard drive, Zip drive, USB drive इत्यादि अधिक प्रयुक्त किए जाने
वाले माध्यम है |
साधारण
शब्दों में बैकअप का अर्थ है आपके पास जो डाटा है उसकी एक और कॉपी तैयार करना, अगर
भविष्य में आपका डाटा लॉस्ट हो जाता है या करप्ट हो जाता है, तो उसे
रिस्टोर किया जा सकता है लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब आपने उस डाटा का बैकअप लिया
हो |
टैली
में डाटा का बैकअप लेने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो किया जाता है |

o
तब आपके सामने Backup companies on Disk की
स्क्रीन रिप्रेजेंट होती है |

o
§
Backup companies on
Disk screen में कर्सर डिफ़ॉल्ट रूप से Name of Company फील्ड
में रहेगा source अथवा Destination फील्ड
को बदलने के लिए Backspace
key दबाये |
§
हमे सोर्स (जहाँ से डेटा लिया जाना है) निर्दिष्ट
करना होता है |
§
तत्पश्चात डेस्टिनेशन (जहाँ डेटा बैकअप को संगृहीत
करन चाहते है ) निर्दिष्ट करते है |
§
रिप्रेजेंट की गई List of Companies से उन
कम्पनीज को सिलेक्ट करे जिनका बैकअप लेना है फिर चयन को पूर्ण करने के लिए End of List को
सिलेक्ट करे अथवा तत्संबंधित डेटा फोल्डर में उपलब्ध सभी कम्पनीज का बैकअप लेने
हेतु All Item को
सिलेक्ट करे |

6. बैकअप लेना जारी रखने के लिए स्वीकार करे |

7. बैकअप
की जा रही कंपा नाम और पूर्ण हो चुका प्रतिशत प्रदर्शित करने वाली backing up Companies स्क्रीन
पर प्रकट होगी |और इस
तरह बैकअप कम्पलीट हो जाएगा |
Restore of Backup
रिस्टोर का अर्थ मूल , उपयोग ,योग्य तथा कार्यात्मक स्थिति में वापस लाना
होता है | फंक्शनलिटी को रिस्टोर करने से हमे पूर्व में
लिए गए डेटा के बैकअप को वापस बहाल करने की अनुमति मिलती है | अन्य माध्यम पर लिए गए बैकअप को रिस्टोर करने हेतु निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो
किये जाते है :



How to Split Company Data in Tally
(टैली में कंपनी डाटा को कैसे स्प्लिट करे)
Split Company Data
टैली का अनुकूलन योग्य अवधि रहित
एकाउंटिंग अनेक वर्षो के लिए डेटा प्रविष्ट करने की अनुमति देता है इस फीचर के
जबरदस्त लाभ है | भारी भरकम पुराने डेटा की उपस्थिति से सिस्टम
पर अनावश्यक भार उत्पन्न होता है वित्तीय वर्ष में विभाजित करने से जहाँ हमे कई
प्रकार के लाभ प्राप्त हो जाते है वही सिस्टम को बोझे से छुटकारा भी मिल जाता है |
कंपनी
डेटा को विभाजित करना उस कंपनी के संचालन की सरलता में सहायक होता है चूँकि वर्ष
के दौरान कंपनी डेटा बढ़ता ही चला जाता है और वह टैली के संचालन को धीमा कर देता है
विभाजन कंपनी को हल्का बनाता है कंपनी को विभाजित करने कंपनी के डेटा को सुरक्षित
बना दिया जाता है-
1.
Pre-split
Activities : डेटा
विभाजन के पूर्व हमे सुनिश्चित करना होगा की –
2. वित्तीय
वर्षो को विभाजित करने की प्रकिया-
वित्तीय
वर्षो के आधार पर डेटा विभाजित करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है :
Gateway of Tally → F3:Cmp Info → SplitCompanyData
1.सर्वप्रथम
Gateway of Tally पर जाए | इसके
बाद Company info ऑप्शन
पर क्लिक करे |

2.Company info ऑप्शन
पर क्लिक करने से निम्न विंडो ओपन होगी | इस
विंडो में Split Company Data पर
क्लिक करे |

3. Split Company Data पर
क्लिक करने से निम्न विंडो ओपन होगी |

4.List of Companies नाम
फील्ड में उस वांछित कंपनी को सिलेक्ट करे जिसका डेटा विभाजित है | इस
विंडो में वह कंपनी सेलेक्ट करे जिसे स्प्लिट करना है |

5.Split From फील्ड में वह वांछित दिनाँक प्रविष्ट करे जिससे हम
विभाजित करना चाहते है टैली दो पृथक कम्पनीज निर्मित करेगा ,प्रत्येक
कंपनी को उस दिनाँक से जोड़ा जायेगा जहाँ से उसे विभाजित किया गया था |
![]()
6.कंपनी डेटा को विभाजित करने हेतु स्वीकार करे |
एक कंपनी से दूसरी
कंपनी में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट वाउचर बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। यह कार्य
अधिकांश एकाउंटेंट द्वारा किया जाता है। आप टैली सॉफ्टवेयर के बारे में अच्छी तरह
से जानते हैं। वर्तमान समय में टैली केवल एक सबसे लोकप्रिय अकाउंटिंग इन्वेंट्री
सॉफ्टवेयर है जो किसी भी व्यावसायिक इकाई के दिन-प्रतिदिन के सभी नियमित कार्यों
को बहुत प्रभावी ढंग से संभालता है। टैली सॉफ़्टवेयर आपको टैली में आपके
महत्वपूर्ण डेटा को आसानी से इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट करने की अनुमति देता है।
टैली विभिन्न
लेखांकन और इन्वेंट्री सुविधाएँ प्रदान करता है जो किसी भी उपयोगकर्ता को अपनी
कंपनी के खातों को प्रभावी ढंग से बनाए रखने की अनुमति देता है। तो, आज हम टैली या Tally.erp
9 में
एक कंपनी से दूसरी कंपनी के लिए इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करने के तरीके के बारे में
बात करते हैं। यदि आप उस मामले में एक कंपनी से दूसरी कंपनी में डेटा इम्पोर्ट /
एक्सपोर्ट करना चाहते हैं तो आपको टैली अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में आसानी से इम्पोर्ट
और एक्सपोर्ट सुविधा का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे।
आप Tally.ERP
9 में एक कंपनी से दूसरी कंपनी में वाउचर इम्पोर्ट कर सकते हैं।
यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
डेटा को Tally.erp
9 से कई कारणों से एक्सपोर्ट किया जा सकता है जैसे कि तीसरे पक्ष
के आवेदन में उपयोग, रिटर्न दाखिल करने के लिए आदि| आप 6 विभिन्न स्वरूपों में डेटा
एक्सपोर्ट कर सकते हैं:
टैली
में एक्सपोर्ट ऑप्शन की मदद से आप अपनी जरूरत के अनुसार अपना डेटा आसानी से MS Word, Excel, Notepad और XML फॉर्मेट में भेज सकते हैं।
o Language field में डिफ़ॉल्ट (All
Language) चुनें
o Format field में XML
(Data Interchange) का चयन करें
o उस स्थान का path इंटर करें जहाँ आप फ़ाइलें एक्सपोर्ट करना चाहते है
o Output file name फ़ील्ड में चयनित विकल्प के आधार पर फ़ाइल एक्सटेंशन के साथ
मास्टर नाम पहले से लिखा रहता है। यदि आवश्यक हो, तो आप नाम बदल सकते हैं।

टैली
में इम्पोर्ट ऑप्शन की मदद से आप एक कंपनी में एक से अधिक कंपनी के डेटा को आसानी
से जोड़ सकते हैं।
o Combine Opening Balance – मौजूदा और नए New
balance को संतुलित करने के लिए इस
विकल्प को चुनें
o Ignore Duplicates – सभी डुप्लिकेट एंट्रीज़ को अनदेखा करें
o Modify with New Data – ओपनिंग बैलेंस को संयोजित नहीं करता है, लेकिन मौजूदा डेटा में सुधार
करता है|
एक कंपनी से दूसरी
कंपनी में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट वाउचर बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। यह कार्य
अधिकांश एकाउंटेंट द्वारा किया जाता है। आप टैली सॉफ्टवेयर के बारे में अच्छी तरह
से जानते हैं। वर्तमान समय में टैली केवल एक सबसे लोकप्रिय अकाउंटिंग इन्वेंट्री
सॉफ्टवेयर है जो किसी भी व्यावसायिक इकाई के दिन-प्रतिदिन के सभी नियमित कार्यों
को बहुत प्रभावी ढंग से संभालता है। टैली सॉफ़्टवेयर आपको टैली में आपके
महत्वपूर्ण डेटा को आसानी से इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट करने की अनुमति देता है।
टैली विभिन्न
लेखांकन और इन्वेंट्री सुविधाएँ प्रदान करता है जो किसी भी उपयोगकर्ता को अपनी
कंपनी के खातों को प्रभावी ढंग से बनाए रखने की अनुमति देता है। तो, आज हम टैली या Tally.erp
9 में
एक कंपनी से दूसरी कंपनी के लिए इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करने के तरीके के बारे में
बात करते हैं। यदि आप उस मामले में एक कंपनी से दूसरी कंपनी में डेटा इम्पोर्ट /
एक्सपोर्ट करना चाहते हैं तो आपको टैली अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में आसानी से इम्पोर्ट
और एक्सपोर्ट सुविधा का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे।
आप Tally.ERP
9 में एक कंपनी से दूसरी कंपनी में वाउचर इम्पोर्ट कर सकते हैं।
यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
डेटा को Tally.erp
9 से कई कारणों से एक्सपोर्ट किया जा सकता है जैसे कि तीसरे पक्ष
के आवेदन में उपयोग, रिटर्न दाखिल करने के लिए आदि| आप 6 विभिन्न स्वरूपों में डेटा
एक्सपोर्ट कर सकते हैं:
टैली
में एक्सपोर्ट ऑप्शन की मदद से आप अपनी जरूरत के अनुसार अपना डेटा आसानी से MS Word, Excel, Notepad और XML फॉर्मेट में भेज सकते हैं।
o Language field में डिफ़ॉल्ट (All
Language) चुनें
o Format field में XML
(Data Interchange) का चयन करें
o उस स्थान का path इंटर करें जहाँ आप फ़ाइलें एक्सपोर्ट करना चाहते है
o Output file name फ़ील्ड में चयनित विकल्प के आधार पर फ़ाइल एक्सटेंशन के साथ
मास्टर नाम पहले से लिखा रहता है। यदि आवश्यक हो, तो आप नाम बदल सकते हैं।

टैली
में इम्पोर्ट ऑप्शन की मदद से आप एक कंपनी में एक से अधिक कंपनी के डेटा को आसानी से
जोड़ सकते हैं।
o Combine Opening Balance – मौजूदा और नए New
balance को संतुलित करने के लिए इस
विकल्प को चुनें
o Ignore Duplicates – सभी डुप्लिकेट एंट्रीज़ को अनदेखा करें
o Modify with New Data – ओपनिंग बैलेंस को संयोजित नहीं करता है, लेकिन मौजूदा डेटा में सुधार
करता है|
ODBC
(Open Database Connectivity) एक Application Program Interface (API) विनिर्देश है जो
एप्लीकेशन्स को Structured Query Language (SQL) का उपयोग करके कई
डेटाबेस सिस्टम तक पहुँचने की अनुमति देता है। ODBC अधिकतम
इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करता है सिंगल एप्लिकेशन कई अलग-अलग डेटाबेस सिस्टम तक
पहुंच सकता है। यह एक विशिष्ट प्रकार के डेटा सोर्स को लक्षित किए बिना, एक ODBC डेवलपर को एक
एप्लिकेशन विकसित करने की अनुमति देता है।

एक ODBC क्लाइंट ODBC API
को लागू करता है। बदले में ODBC API डेटाबेस
द्वारा प्रदान किए गए ODBC ड्राइवर के साथ कम्यूनिकेट करेगा।
ODBC ड्राइवर एक Library है जो ODBC API द्वारा
समर्थित कार्यों को कार्यान्वित करता है। यह ODBC फ़ंक्शन कॉल को process करता
है, डेटाबेस के लिए SQL
रिक्वेस्ट सबमिट करता है, और परिणाम वापस एप्लीकेशन पर
लौटता है।
एक डेटाबेस जो ODBC
का समर्थन करता है वह SQL को समझ सकता है। सामान्यतया ODBC ड्राइवर ODBC क्लाइंट से SQL रिक्वेस्ट सबमिट करता है और
इन SQL रिक्वेस्ट को एक्सीक्यूट किया जाएगा और परिणाम ODBC क्लाइंट को वापस दिया जाएगा। Tally.ERP 9 एक एप्लिकेशन है जो ODBC सर्वर के साथ-साथ ODBC क्लाइंट के रूप में कार्य कर
सकता है। यदि कोई एप्लिकेशन ODBC इंटरफ़ेस का समर्थन करता है, तो उसे ODBC API लागू
करने की आवश्यकता है। बदले में ODBC API
डेटाबेस द्वारा प्रदान किए गए ODBC ड्राइवर के साथ कम्यूनिकेट
करेगा।
Tally.erp 9 में ODBC पोर्ट को enable करने के लिए इसकी बहुत ही सरल प्रक्रिया है। टैली ODBC पोर्ट enable करने
के बाद डेटा एक्सेल से टैली और इसके विपरीत में सिंक्रनाइज़ हो सकता है। विभिन्न
प्रकार की रिपोर्ट और डेटा भी हम टैली से एक्सेल में export कर
सकते हैं।
Tally.ERP
9 टैली
यूजर्स को लेजर, पे
स्लिप, बकाया
स्टेटमेंट, खातों
की जाँच या बैलेंस कन्फर्मेशन, रिमाइंडर लेटर आदि भेजने की
अनुमति देता है। यह बिज़नेस मैनेजमेंट को आसानी से रिपोर्ट तक पहुंचने में मदद करता
है। यह किसी भी ईमेल प्रोग्राम के बिना स्टेटमेंट भेजने के लिए भी उपयोगी है। यह
समय की बचत करता है| आप
like, Gmail, Hotmail, Yahoo जैसे लोकप्रिय मेल
सेवाओं का उपयोग करके मेल भेजने के लिए Tally.ERP 9 को कॉन्फ़िगर कर
सकते हैं। यूजर मेल सर्वर से ईमेल भेजना भी संभव है। उदाहरण के लिए अपने कंपनी
डोमेन का ईमेल, जैसे
कि info@company.com।
नोट: Tally.ERP
9 आपको
इसके इंटरफ़ेस का उपयोग करके ईमेल प्राप्त करने की अनुमति नहीं देता है।

E-mail server
यहां मैं अपने स्वयं के कस्टम डोमेन ईमेल का एक उदाहरण दे रहा
हूं। info@cyberdairy.com देखते हैं कि इस कस्टम डोमेन ईमेल को Tally.ERP9 में कैसे कॉन्फ़िगर किया जाए। इस कस्टम ईमेल आईडी का
कॉन्फ़िगरेशन विवरण निम्नानुसार है।
o ASCII (Comma Delimited): यह कंप्यूटर और इंटरनेट में उपयोग की जाने वाली टेक्स्ट फाइल का
एक फॉर्मेट है। यह फॉर्मेट 7 बिट बाइनरी नंबर का उपयोग करता है। ASCII में
उदाहरण के लिए, वर्णमाला कैपिटल लेटर ए में 01 01000001 का प्रतिनिधित्व होता है। आप ASCII के बारे में अधिक जान सकते हैं।
o Excel (स्प्रेड
शीट): Microsoft Excel फ़ाइल
o HTML (वेब
पब्लिशिंग): आप जैसा यह पेज पढ़ रहे हैं।
o JPEG (इमेज):
यह एक इमेज फाइल है।
o PDF (पोर्टेबल
डॉक्यूमेंट फॉर्मेट): इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को कैप्चर करने और भेजने के लिए एक
फाइल फॉर्मेट बिल्कुल इच्छित फॉर्मेट में होता है।
o XML (डेटा
इंटरचेंज): यह फॉर्मेट है जो मानव पठनीय और मशीन पठनीय दोनों फॉर्मेट में
डाक्यूमेंट्स को एन्कोडिंग के लिए नियमों का एक सेट परिभाषित करता है। आमतौर पर इस
फॉर्मेट में ईमेल भेजना दुर्लभ है। अपनी पसंद का फॉर्मेट चुनें।
यदि आप सुरक्षित SSL/TLS
ईमेल सर्वर का उपयोग कर रहे हैं, तो यहां एक नमूना सेटिंग्स है, आपको कॉन्फ़िगरेशन विवरण के
लिए अपने ईमेल सर्वर प्रदाता से पूछना होगा। सर्वर का नाम और पोर्ट संख्या भिन्न
हो सकती है जो ईमेल सर्वर पर निर्भर करती है।

custom or user defined सर्वर के विपरीत,
जीमेल को कॉन्फ़िगर करना आसान है। आपको बस सर्वर नाम का चयन
करने की आवश्यकता है ईमेल सर्वर की सूची, सर्वर का पता और नाम स्वचालित
रूप से भर जाएगा। अपना यूज़रनेम और पासवर्ड इंटर करें।
उसी तरीके से आप याहू ईमेल और हॉटमेल ईमेल को सूची से कॉन्फ़िगर
कर सकते हैं।

·
Rewrite Data in Tally
·
Rewrite का मतलब डेटा को सुधारने से होता
है यदि किसी वजह से टैली में कंपनी का डाटा CORRUPT हो जाता है तो उस कंपनी को ओपन नहीं किया जा सकता है इस स्थिति में हम टैली
में उस कंपनी को Rewrite कर सकते है।
·
टैली में कंपनी को Rewrite करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फॉलो करे |
·
1.Gateway
of tally →company info → ctrl+alter+R एक साथ
दबाए |
·

·
2.इसके
बाद वह कंपनी सेलेक्ट करे जिसे आप Rewrite करना चाहते है।
·
![]()
·
3.Rewrite को accept करने के
लिए आपके पास दो option
होते है Yes/No . अगर Rewrite करना
चाहते है तो Yes प्रेस
करे और Rewrite नहीं
करना चाहते तो No
प्रेस करे |
·

·
4.Rewrite के
दौरान टैली व्दारा डेटा को वेलिडेट किया जाता है यदि कोई भी अपूर्ण अथवा
क्षतिग्रस्त रिकॉर्ड मिलता है तो टैली असंगत डाटा को रोक देता है अतः बेहतर है की Rewrite से पहले
पूर्ण बैकअप ले लिया जाये | बैकअप लेने के लिए निम्न विंडो ओपन होगी अगर बैकअप
लेना चाहते है तो Yes
प्रेस करे |
·

·
5.बैकअप
के बाद
आपकी कंपनी Rewrite हो
जायेगी
·

·
·
6.टैली
फोल्डर में टैली द्वारा एक tally. rew फाइल
बनाई जाती है जिसमे Rewrite प्रोसेस की इन्फो
विद्यमान होती है।